नई दिल्ली। देश में मुस्लिमों के लिए शरिया बैंकिंग लागू करने की कोशिश में जुटी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की आलोचना करते हुए भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी का कहना है कि शरिया बैंकिंग को आरबीआई तब तक लागू नहीं कर सकती, जब तक संसद द्वारा आरबीआई एक्ट-1934 में संशोधन नहीं किया जाता।
भाजपा नेता स्वामी ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक देश में शरिया बैंकिंग को लागू करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। लेकिन भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में किसी धर्म विशेष को ध्यान में रखकर बैंक स्थापित करना संविधान के खिलाफ है।
उन्होंने बताया कि दीपक मोहंती की अध्यक्षता में गठित आरबीआई के एक पैनल ने अपनी एक रिपोर्ट में कई ऐसी सिफारिशें की हैं, जो शरिया बैंकिंग को लागू करने के लिए प्राथमिक आवश्यकताएं हैं।
शरिया बैंक से जुडी आरबीआई की अधिसूचना पर भाजपा नेता स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे हस्तक्षेप करने की मांग की थी। अपने पत्र में स्वामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि मौजूदा कानून के हिसाब से देश में इस प्रकार की व्यवस्था लागू को नहीं किया जा सकता। उनके पत्र पर प्रधानमंत्री ने संज्ञान लेते हुए आरबीआई की अधिसूचना को रद्द कर दिया।
जानकारी हो कि शरिया बैंकिंग को भारत में लागू करने के संभावनाओं पर 2007 में तत्कालीन कार्यकारी निदेशक आनंद सिन्हा के नेतृत्व में आरबीआई ने एक कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि देश में मौजूदा नियम इस्लामिक बैंकिंग की अनुमति नहीं देते हैं।
इसके बाद स्टेट बैंक ने भी 2014 में एसबीआई शरिया म्यूचुअल फंड शुरू करने की घोषणा की थी। लेकिन स्वामी के हस्तक्षेप के बाद स्टेट बैंक ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।