नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इशरत जहां मामले में कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि राजनीतिक कारणों के चलते पार्टी की सरकार ने राष्ट्रीय हितों से समझौता किया।
अरुण जेटली वर्तमान में सात दिनों के अमरीकी दौरे पर हैं। एक अंग्रेजी न्यूज चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से गंभीर समझौता किया गया जिसमें अब सामने आ रहा है कि इसके पीछे गुप्त राजनीतिक मंशा थी।
उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से अनुचित था कि आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर किसी समय की सरकार अपनी ही शीर्ष खुफिया एजेंसी की जांच करे। हालांकि उन्होंने कहा कि वह देश में मामले पर चल रही गतिविधियों से अनभिज्ञ हैं और मामले में कुछ कार्रवाई की जाएगी इस बारे में नहीं बता सकते।
अंग्रेजी न्यूज चैनल टाइम्स नाउ ने आरटीआई कानून के जरिए कुछ दस्तावेज हासिल किए हैं, जिससे यह उजागर हुआ है कि इशरत जहां को आतंकी बताने वाले पहले हलफनामे को बतौर गृहमंत्री खुद पी. चिदंबरम ने हरी झंडी दी थी और एक महीने बाद ही दूसरे हलफनामे में उसे निर्दोष बताया था। जबकि सार्वजनिक रूप से चिदंबरम पहले हलफनामे के पीछे निचले स्तर के अधिकारियों का हाथ बताते रहे हैं।