अहमदाबाद/नई दिल्ली। गुजरात के बहुचर्चित इशरत जहां फर्जी मुठभेड मामले में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने एक और आरोपी पुलिस अधिकारी एन के अमीन को शुक्रवार को जमानत दे दी।
न्यायधीश के आर उपाध्याय ने अमीन को दो लाख रुपए के मुचलके पर जमानत दे दी। वह अभी अहमदाबाद से बाहर नहीं जा सकते। प्रत्येक गुरूवार को सुनवाई के लिए अदालत में पेश होना होगा और अपना पासपोर्ट अदालत में जमा करना होगा।
एक अन्य मामले सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड मामले के भी आरोपी रहे अमीन को इशरत जहां मामले में चार अप्रैल 2013 को गिरफ्तार किया गया था।
अमीन के वकील ने दलील दी थी कि अदालत ने इस मामले के मुख्य आरोपी डी जी वंजारा को जमानत दे दी है तो उनके मुवक्किल को भी जमानत दी जानी चाहिए। उन्हें सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई की एक कॉलेज छात्रा इशरत जहां, उसके पुरुष साथी जावेद शेख और दो पाकिस्तानी नागरिक अमजद अली राना और जीशान जौहर को पुलिस ने 15 जून 2004 को अहमदाबाद के समीप कथित तौर पर एक मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिस को संदेह था कि चारों तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या के उद्देश्य के लिए आए थे।
सीबीआई ने इंटेलीजेंस ब्यूरो और गुजरात पुलिस के इस संयुक्त अभियान को बाद में फर्जी मुठभेड करार दे दिया और इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तत्कालीन पुलिस कमिश्नर पी पी पांडेय, एसीपी डी जी वंजारा और तत्कालीन डीएसपी अमीन समेत कुछ अन्य पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया था।
पांडेय और वंजारा को सीबीआई की इसी अदालत ने गत फरवरी माह में जमानत दी थी। पांडेय ने इसके बाद से पुन: पदभार संभाल लिया था जबकि सेवानिवृत्त वंजारा अदालत के आदेश के अनुरूप गुजरात से बाहर (मुंबई में) रह रहे हैं। अमीन इस मामले में जेल में बंद आखिरी आरोपी थे।