बगदाद। आतंक का पर्याय बने इस्लामिक स्टेट के धर्मशास्त्रियों ने एक ऐसा फतवा जारी किया है जिसके जरिए चरमपंथी ग्रुपों द्वारा दास बनाई गई महिलाओं से सेक्स और यौन संबंध बनाने की सीमा निर्धारित की गई है।
ऐसी महिलाओं से सेक्स का अधिकारी सिर्फ उसके मालिक को दिया गया है। कोई दूसरा ऐसी महिला के साथ सेक्स करेगा तो उसे अपराध माना जाएगा। धर्मशास्त्रियों ने कहा कि इससे बंधक बनाई गई महिलाओं के साथ बुरे व्यवहार पर रोक लगेगी। इससे साफ हो गया है कि आईएस सदियों पुरानी सेक्स दासियों के साथ होने वाले व्यवहार की फिर से व्याख्ख्या कर रहा है।
अमरीकी ऑपरेशंस फोर्सेज ने इस फतवे के लिए जारी किए गए दस्तावेजों को सीरिया से इस साल मई महीने में रेड मारकर अपने कब्जे में लिया था। इन धार्मिक फैसलों में बाप और बेटे को एक ही महिला दास से सेक्स पर पाबंदी है, लेकिन मालिक मां और बेटी दोनों से सेक्स कर सकता है। उत्तरी इराक की अल्पसंख्यक यजीदी महिलाओं के साथ इनकी क्रूरता चरम पर है। ज्यादातर लोग आईएस के लड़ाकों को यजीदी महिलाएं बेची या तोहफे के रूप में दी जाती हैं।
हालांकि आईआईएस के इस फतवे की आलोचना मानवाधिकार संगठनों ने की है। धर्म मानने वालों ने विस्तृत जानकारी के साथ यह आदेश निर्गत किया है कि जिन महिलाओं को आतंकी संगठनों ने दास बनाया है। उस ग्रुप के मालिक उन महिलाओं के साथ सेक्स कर सकते हैं।
इस आदेश के जरिए कानून को जबरदस्ती लागू करने की कोशिश की गई है। यह फतवा पूर्व में दिए गए आतंकी संगठन के फतवों से अलग है। इससे साफ झलकता है कि इस्लामिक आईएस सदियों से चली आ रही यौन दासियों के प्रति होने वाले व्यवहार के प्रति गंभीर हो गया है। सीरिया और इराक के बड़े हिस्से में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने महिलाओं को बंधक बनाकर रखा है। फतवे के जारी किए गए दस्तावेजों को अमरीकी ऑपरेशंस फोर्सेज ने सीरिया में आईएस के अधिकारियों के यहां रेड डालकर अपने कब्जे में लिया था।
आईएस के धर्मगुरूओं के इस फैसले के बाद बाप औप बेटे को एक ही महिला दास से मालिक मां और बेटी दोनों से सेक्स कर सकता है। कैदी महिलाओं के साथ संयुक्त मालिकों को भी सेक्स करने की छूट है। इन महिलाओं पर संयुक्त रुप से अधिकार माना गया है अमरीकी मानवाधिकार संगठन ने आईएस पर हजारों महिलाओं और लड़कियों अगवा कर हिंसक तरीके से दुष्कर्म करने का आऱोप लगाया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक यह लोग 12 साल की लड़कियों के साथ भी ऐसा ही व्यवहार करते हैं। आईएस ने ऐसी हरकतों को दबाने के लिए और दासियों को मैनेज करने के लिए वार स्पाईल्स डिपार्टमेंट की स्थापना भी की थी।
मानवाधिकार वॉच ने कैद की 20 महिलाओं का साक्षात्कार किया था। इन महिलाओं ने बताया कि कैसे वे लोग महिलाओं को उम्र के हिसाब से छांटते हैं और इन्हें अलग-अलग रखा जाता है। यह महिलाएं तोहफे में दी जाती हैं और यह हवस का शिकार भी बनती हैं। फतवा नंबर 64 29 जनवरी 2015 जारी करने वाली आईएस स्टेट कमिटी और रिसर्च एंड फतवा ने आईएस लड़ाकों और कैदी महिलाओं के बीच यौन संबंधों पर एक संहिता भी बनाया है।