एफसी पुणे सिटी को हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के तीसरे सीजन के अपने पहले मैच में सोमवार को बेलावाडी स्टेडियम में अपने कोच एंटोनियो हाबास की गैरमौजूदगी में ही मुम्बई सिटी एफसी के खिलाफ जीत के लिए प्रयास करना होगा। हाबास चार मैचों के लिए प्रतिबंधित हैं।
उस समय हाबास एटलेटिको दे कोलकाता के कोच थे। चूंकी कोलकाता वह मैच हार गया था, लिहाजा उसे खिताब भी खोना पड़ा था। हाबास ने इसके बाद एफसी पुणे सिटी का रुख किया लेकिन प्रतिबंध उनके साथ यहां तक चला आया। इस सीजन में अब उन्हें एफसी पुणे सिटी के डग आउट से चार मैचों के लिए बाहर रहना पड़ेगा।
हाबास की गैरमौजूदगी शुरूआत में एफसी पुणे सिटी को हतोत्साहित कर सकती है लेकिन सहायक कोच मिग्वेल और अनुभवी खिलाड़ियों के रहते यह टीम अपने पहले मैच की चुनौती पर खरी उतर सकती है।
इस मैच में बार्सिलोना और चेल्सी के पूर्व मिडफील्डर इदुर गुडजानसन भी नहीं होंगे। वह चोट के कारण लीग के तीसरे सीजन से बाहर हो चुके हैं। ऐसे में टीम प्रबंधन उनके स्थानापन्न और लीवरपूल तथा युवेंतस के पूर्व मिडफील्डर मोहम्मद सिसोको को पहले मैच के लिए मैदान में उतारने की जल्दबाजी नहीं करना चाहेगा।
पुणे को हालांकि ज्यादा बातों की चिंता करने की जरूरत नहीं है। हाबास ने अनुभवी और भारत में अपनी छाप छोड़ चुके खिलाड़ियों की अच्छी फौज खड़ी की है। गोलकीपर एडेल बेटे, जोनाथन लुका और ब्रूनो एरियास जैसे खिलाड़ी इस टीम के लिए पहले मैच में अहम किरदार निभाएंगे।
बेटे ने पहले सीजन में कोलकाता के साथ खिताब जीता था और दूसरे सीजन में वह चेन्नयन एफसी के साथ विजेता रहे थे। अब उनका लक्ष्य तीसरे सीजन में पुणे के साथ खिताबी हैट्रिक होगा। वह ऐसा करने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बन सकते हैं।
अन्य घरेलू खिलाड़ियों में हाबास ने डिफेंडर अगस्टीन फनार्डेस और स्ट्राइकर इजुमी अरारा को चुना है। अराता बीते सीजन में कोलकाता के लिए खेले थे और अब वह अपने कोच के साथ पुणे को सफलता दिलाने का प्रयास करेंगे। इसके अलावा पुणे के पास फ्रांसिस फनार्डेस, नारायण दास और संजू प्रधान जैसे अनुभवी भारतीय खिलाड़ी हैं।
मुम्बई सिटी एफसी की बात की जाए तो यह टीम कागज पर किसी अन्य विपक्षी टीम की बराबरी कर सकती है। लगातार दो सीजन से यह टीम काफी मजबूत रही है लेकिन यह उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सकी है। यह पहले सीजन में छठे और दूसरे सीजन में सातवें स्थान पर रही थी।
इसके कोच कोस्टा रिका के एलेक्सजेंडर गुइमारेस के पास काफी अनुभव है। वह कोस्टा रिका को दो बार विश्व कप खिला चुके हैं। ऐसे में मुम्बई को रणनीतिक तौर पर चिंता करने की जरूरत नहीं है। इस टीम को हालांकि भारतीय टीम के कप्तान सुनील छेत्री समेत चार खिलाड़ियों की कमी खलेगी, जो इन दिनों एएफसी कप में बेंगलुरू एफसी को सेवाएं दे रहे हैं। ये बाद में क्लब के साथ जुड़ेंगे।
मुम्बई को अपने मार्की खिलाड़ी डिएगो फोर्लान से काफी उम्मीदें होंगी। उरुग्वे के इस दिग्गज खिलाड़ी को किसी परिचय की जरूरत नहीं है। वह 2010 विश्व कप में संयुक्त रूप से सर्वोच्च स्कोरर रहे थे। वह इस साल आईएसएल में सबसे बड़े नामों में से एक हैं। ऐसे में उन पर मुम्बई की आक्रमण पंक्ति का पैनापन बनाए रखने का दारोमदार होगा। इस काम में जैकीचंद सिंह उनकी मदद करेंगे, जिन्हें बीते सीजन की नीलामी में पुणे ने काफी अधिक कीमत पर अपने साथ जोड़ा था।