पुणे। बेंगलुरू एफसी ने गुरुवार को मेजबान एफसी पुणे सिटी को 3-1 से हराते हुए हीरो इंडियन सुपर लीग के चौथे सीजन में 10 टीमों की तालिका में पहले स्थान पर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।
श्री छत्रपति शिवाजी स्पोर्ट्स काम्पलेक्स स्टेडियम में खेले गए इस मैच में पहली बार आईएसएल में खेल रही बेंगलुरू की टीम के लिए उसके वेनेजुएलियाई स्ट्राइकर मिकु ने दो और कप्तान सुनील छत्री ने एक गोल किए।
मिकु द्वारा 64वें मिनट में किए गए गोल की मदद से बेंगलुरू ने पहले तो बराबरी की और फिर 78वें मिनट में किए गए गोल की मदद से बढ़त ले ही। छेत्री ने अंतिम मिनट मे एक और गोल करते हुए अपनी टीम के लिए पूरे तीन अंक सुनिश्चित कर दिए।
पुणे के खिलाड़ी बलजीत सिंह साहनी को 56वें मिनट में दूसरा पीला कार्ड दिखाया गया और वह मैदान से बाहर जाने को मजबूर हुए। यहां तक मेजबान टीम खेल पर हावी थी। उसने अपना गोल 35वें मिनट में कर दिया था और इस अंतर को बरकरार भी रखा था लेकिन साहनी का बाहर जाना मानो उसके खराब दौर की शुरुआत बन गई।
आदिल खान द्वारा एक बेहतरीन फ्लाइंग हेडर के जरिए बढ़त लेने वाली पुणे की टीम 14 मिनट में दो गोल खाते हुए बैकफुट पर आ गई। इसके बाद बेंगलुरू ने इस अंतर को बरकरार रखा और 12 अंकों के साथ तालिका में शीर्ष पर अपनी स्थिति मजबूत की। पुणे की टीम अब भी चौथे स्थान पर कायम है।
बहरहाल, पहले हाफ का एक बड़ा हिस्सा नीरस जाने के बाद आदिल ने 35वें मिनट में इस्साक वैन्मालसावामा ने एक बेहतरीन क्रास पर हेडर के जरिए गोल करते हुए पुणे को आगे कर दिया। यह गोल बेगलुरू के डिफेंडरों की नाकामी का कहानी बयां करता है।
इस्साक को हालांकि टखने में चोट के कारण बाद में मैदान से बाहर जाना पड़ा लेकिन इसके बावजूद मेजबान टीम ने ताकतवर मानी जा रही बेंगलुरू एफसी पर अपना दबाव बनाए रखा। इस्साक के स्थान पर कीन लेविस ने मैदान का रुख किया।
इससे ठीक, पहले बेंगलुरू के कप्तान सुनील छेत्री को 28वें मिनट में हैंडबॉल मुद्दे पर रेफरी के साथ बहस करने पर पीला कार्ड दिखाया गया था। पहले हाफ के इंजुरी टाइम में साहनी को भी पीला कार्ड दिखाया गया था।
आगे के खेल के लिए छेत्री को सावधान रहना था और वह पूरी सावधानी से 51वें मिनट में बाईं ओर से पुणे के बॉक्स एरिया में घुसे और एक जोरदार शॉट गोलपोस्ट की ओर लगाया लेकिन गोलकीपर विशाल कैथ सावधान थे और उन्होंने भारतीय कप्तान का यह प्रयास नाकाम कर दिया।
52वें मिनट में कैथ के सराहनीय प्रयास की वजह से पुणे के लिए एक और मौका बना। बेंगलुरू का क्रास रोकने के बाद उन्होने गेंद मैदान में थ्रो की, जिसे एमिलियानो एल्फारो ने लपका। एल्फारो ने बिना देरी किए गेंद डिएगो कार्लोस को सौंपी लेकिन वह गेंद को बार के ऊपर मार बैठे।
इसके चार मिनट बाद ही साहनी को एक और पीला कार्ड दिखाया गया। साहनी को मैदान से बाहर जाना पड़ा और अब पुणे की टीम 10 खिलाड़ियों के साथ मैदान में थी। बेंगलुरू को इसी का फायदा उठाना था। 63वें मिनट में बेंगलुरू ने एक अहम बदलाव किया। एरिक पार्टालू के स्थान पर इडु गार्सिया को मैदान में उतारा गया।
इडु ने एक मिनट के अंदर ही अपनी मौजूदगी दर्ज कराई और मिकु को को एक बेहतरीन पास दिया, जिसे गोल में बदलकर उन्होंने अपनी टीम को बराबरी दिला दी। इडु ने छेत्री के लिए मौका बनाया था लेकिन छेत्री ने उन्हें गेंद वापस कर दी थी।
68वें मिनट में पुणे के आसिक कुरुनियन को पीला कार्ड दिखाया गया। कोच पोपोविक ने 71वें मिनट में एल्फारो को बाहर करते हुए डामिर गेरिक को अंदर बुलाया। हालांकि इसका फायदा उन्हें नहीं हुआ क्योंकि पांच मैचों में पांच गोल कर चुके मिकु ने 78वें मिनट में एक और गोल करते हुए बेंगलुरू को 2-1 से आगे कर दिया।
मिकु ने दिमागी चपलता दिखाते हुए यह गोल किया। उदांता ने बॉक्स में गेंद इडु के लिए खेली थी। इडु ने गेंद मिकु के हवाले की। मिकु ने शॉट खेला लेकिन वह रोक दिया गया। बेंगलुरू ने विरोध करते हुए हैंड बॉल की अपील की लेकिन तभी मिकु ने दिमागी चपलता दिखाते हुए गेंद पर नियंत्रण किया और उसे बाएं पैर से गोलपोस्ट में डाल दिया।
दूसरे हाफ के इंजुरी टाइम में कप्तान छेत्री ने भी अपना खाता खोला और बेंगलुरू को 3-1 से आगे कर दिया। छेत्री ने यह गोल टोनी डोवाल के सहयोग से किया। गुरतेज सिंह ने गेंद रोकने की भरपूर कोशिश लेकिन वह सफल नहीं हो सके। इस तरह शुरुआती 64 मिनट तक आगे चल रही मेजबान टीम को एक बेहद निराशाजनक हार मिली।