सिडनी। आस्ट्रेलिया के सिडनी में बंदूधकारियों ने द्वारा एक लोकप्रिय लिंट कैफे में बंधक बनाए गए लोगों को छुड़ा लिया गया है। करीब 17 घंटे चले आपरेशन के बाद सुरक्षा बलों की कार्रवाई के दौरान आतंकी हारून मोनीस को ढेर कर दिया गया। इस दौरान करीब तीन और लोगों की जान भी गई। आजाद कराए गए लोगों में दो भारतीय पुष्पेंद घोष व इंफोसिस कर्मचारी विश्वकांत रेड्डी भी शामिल हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी दोनों भारतीय बंधकों को मुक्त कराए जाने की पुष्टि की है। इससे पहले छह बंधक मौका पाकर पहले ही कैफे से भाग निकले थे।
आपरेशन के बाद सुरक्षा बलों ने सभी बंधकों को एक एक कर कैफे से बाहर निकाला। सुबह हालात को देखते हुए एहतिहातन भारतीय वाणिज्य दूतावास को बंद कर दिया गया था। अमरीका ने भी घटना की खबर लगते ही अपना दूतावास खाली करवा लिया था। इस दौरान सोशल मीडिया पर यह भी बंधकों के जरिए यह खबर भी आई कि बंधकों के कब्जे से निकली दो महिलाओं ने सूचना दी कि सिडनी में दो ठिकानों पर बम रखे गए हैं। लेकिन पुलिस उपायुक्त कैथरीन बुर्न ने कहा है कि सोशल मीडिया पर आई उस खबर पर गौर किया जा रहा है।
कैफे के भीतर लोगों को बंधक बनाने वाले आतंकी सीधे प्रधानमंत्री टोनी एबट से बात करने की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई और घटना स्थल पर आधुनिक एवं भारी हथियारों से लैस पुलिसबल लोगों को सुरक्षित निकाले की कोशिश में जुट गए।
घटनास्थल के आसपास के सभी बडे कार्यालयों को खाली करा दिया गया है और लोगों को घर भेज दिया गया। आतंकवादी घटनाओं से निपटने में प्रशिक्षित पुलिस बल समेत सैकड़ों की संख्या में सुरक्षाकर्मी इस घटना से शान्तिपूर्वक तरीके से निपटने की कार्रवाई में जुटे गए। सुरक्षाबलों को संदेह है कि बंदूकधारी खूंखार आतंकवादी संगठन इस्लामिक संगठन के समर्थक हैं। इस घटना से 26 नवंबर 2008 को मंुबई में हुए आतंकवादी हमले का भयावह दृश्य उपास्थित हो जाता है।
कैफे में काम करने वाले एक कर्मचारी ने आस्ट्रेलिया रेडियो से कहाकि वह कैफे के दरवाजे की तरफ जा रहा था कि उसने देखा की दरवाजा बंद है और सभी लोग जमीन पर बैठे हुए थे। यह बड़ी विचित्र स्थिति थी। कैफे का दरवाजा कभी बंद नहीं होता था। ऎसा पहली बार हुआ था। इस बीच उसने टोपी पहने एक दाढ़ी वाले व्यक्ति को इधर-उधर घूमते देखा।
प्रधानमंत्री टोनी एबट ने स्थिति से निपटने के लिए कैबिनेट की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई थी और इसके बाद पुलिस प्रमुख को बंधकों को मुक्त कराने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। एबट ने इस घटना को राजनीति से प्ररेक होने की आशंका जाहिर की है। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि पूरी तरह से मुस्तैद और प्रशिक्षित सुरक्षा बल स्थिति से शीघ्र ही अच्छी तरह से निपट लेंगे।
उन्होंने देशवासियों का आह्वान किया कि वे निर्भिक हो कर सामान्य तरीके से अपना रोज का कामकाज करें। इस बीच भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुये इसे घोर अमानवीय करार दिया है। घटना के कई घंटे के बाद टेलीविजन फुटेज में कुल छह लोगों को लिंड्ट चाकलेट कैफे से भागते हुए दिखा गया। फुटेज में बंधकों को भारी हथियारों से लैस काली बर्दी वाले पुसिसकर्मी द्वारा सुरक्षित एक कमरे में ले जाते हुए देखा गया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बंदूकधारियों ने शहर के बीचो बीच मार्टिन प्लेस स्थित लिंड्ट कैफे में कम से कम 30 नागरिकों और कैफे के करीब 10 कर्मचारियों को बंधक बना लिया। इस इलाके में रिजर्व बंैक आफ आस्ट्रेलिया और देश के दो बड़े बैंकों का मुख्यालय भी है। आसपास के भवनों और इलाकों को खाली कर लिया गया। घटना स्थल तक जाने वाले रास्तों को बंद करके पुलिस ने क्षेत्र की घेराबंदी कर ली।