चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अंनुसंधान संगठन (इसरो) ने मौसम की सटीक जानकारी देने वाला अब तक का सबसे वजनी उपग्रह इंसेट 3डीआर का गुरूवार को सफल प्रक्षेपण किया। तकनीकी कारणों से इसका प्रक्षेपण निर्धारित समय से 40 मिनट विलंब से किया गया।
इसरो के इतिहास में यह पहला मौका है जब उन्नत स्वदेशी क्रायोजनिक इंजन के जरिए 2211 किलोग्राम वजन का उपग्रह श्री हरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से छोड़ा गया।
इससे पहले क्रायोजनिक इंजन से लैस रॉकेट से तीन बार उपग्रह भेजे जा चुके हैं। 2002 में कल्पना-1, 2003 में इंसेट-3ए और 2013 में इनसेट-3डी स्वदेशी मौसम उपग्रह भेजे जा चुके हैं।
इस उपग्रह की खासियत यह है कि यह रात में धुंधले बादलों के बावजूद मौसम की सटीक जानकारी उपलब्ध करा सकेगा। इसकी मिशन अवधि दस वर्ष होगी। इसे जियोसिंक्रोनेस सेटेलाइट लाँच व्हिकल (जीएसएलवी) से छोड़ा गया है।
इस रॉकेट का नाम जीएसएलवी-5 है और इसकी यह दसवीं उड़ान है। इस उपग्रह की मदद से राहत और सक्रिय खोजबीन की जा सकेगी जो यह 2013 में छोड़े गए इंसेट 3-डी उपग्रह से मिलकर करेगा।