चेन्नई। आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई की संयुक्त टीम ने बुधवार को राज्य के प्रमुख सचिव राम मोहन राव से जुड़े ठिकानों पर छापे मारे। छापे में बड़ी मात्रा में नकदी और सोने के अलावा कई संपत्तियों से जुड़े कागजात मिलने की खबर है।
मिली जानकारी के मुताबिक हाल ही में व्यापारी जी.शेखर रेड्डी और उसके सहयोगियों के यहां पड़े छापे में भारी नकदी के साथ ऐसे दस्तावेज मिले थे जो राम मोहन राव की ओर इशारा कर रहे थे और इसी कारण प्रमुख सचिव पर ये छापे मारे गए।
बुधवार को तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश स्थित राव के कम से कम आठ ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। चेन्नई के बाहरी इलाके में एक बड़े बंगले में रह रहे मोहन राव के बेटे के यहां भी छापा मारा गया।
इस बंगले की कीमत ही करीब 100 करोड़ बताई जा रही है। चित्तूर स्थित राव की ससुराल पर पड़े छापे में भारी मात्रा में नकदी मिलने की खबर है। छापे की कार्रवाई सुबह 5.30 बजे शुरू हुई।
चार आयकर अधिकारी राव के अन्ना नगर स्थित आवास पर पहुंचे और बंगले को अदर से बंद कर दिया। किसी को भी अंदर से बाहर जाने या बाहर से अंदर आने की इजाजत नहीं थी। आयकर टीम के साथ कुछ स्थानीय पुलिसकर्मी भी थे।
बाद में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की टीमें भी छापे में शामिल हो गईं। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए बंगले के बाहर सीआरपीएफ को तैनात किया गया था।
सूत्रों के मुताबिक शेखर रेड्डी के यहां से मिले कागजात और उनसे पूछताछ में मिली जानकारी में राम मोहन राव का नाम आया और इसी कारण सचिवालय स्थित उनके दफ्तर को भी खंगाला गया।
इस तरह की खबर है कि राव के ठिकानों पर पड़े छापे में कुछ संवेदनशील कागजात के अलावा दो हजार के नए नोटों में 30 लाख की नकदी और पांच किलो सोना मिला है।
इस बीच, सीबीआई को शेखर रेड्डी और उनके सहयोगियों श्रीनिवासलू और प्रेम कुमार की 3 जनवरी तक न्यायिक हिरासत मिल गई है।
काले धन के खेल में व्यापारी, अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत में जांच की आंच व्यापारी से शुरू होकर अधिकारी तक तो पहुंच गई है, अब देखना है कि यह नेताओं तक पहुंचती है या नहीं।
नजर रख रही थी आयकर विभाग की टीम
आयकर अधिकारियों के अनुसार तमिलनाडु के मुख्य सचिव पर इंकम कुछ समय से स्केन कर रही थी। राव को जून में ही तमिलनाडू का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है।
मूल रूप से आंध्र प्रदेश के निवासी राव 1985 बैच के तमिलनाडू काडर के आईएएस ऑफिसर हैं और उन्होंने ट्रेनिंग के बाद 1987 से असिस्टेंट कलक्टर के रूप में अपनी सेवा शुरू की। इसके बाद विभिन्न पदों पर होते हुए जयललिता के मुख्यमंत्रीत्व काल में मुख्य सचिव बने।
माना जा रहा है कि जयललिता के देहांत के बाद शशिकला के हाथों में एआईडीएमके की कमान संभलवाने में भी राव की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
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