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बजट 2016-17:टैक्स स्लैब में कोई राहत नहीं - Sabguru News
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बजट 2016-17:टैक्स स्लैब में कोई राहत नहीं

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बजट 2016-17:टैक्स स्लैब में कोई राहत नहीं

budget2016
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अपना तीसरा आम बजट पेश कर दिया। जैसा कि आशा की जा रही थी कि इस बजट में वह आयकर स्लैब में कुछ छूट प्रदान करेंगे तो ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। हां एक करोड से ज्यादा आमदनी वालों पर अतिरिक्त कर जरूर लगाया है। डीजल की गाडियों मे सेस बढाया हैं और कृषि को मजबूत करने के लिए प्रत्येक टैक्सेबल वस्तु पर 0.5 प्रतिशत सेस लगाने की भी घोषणा की है।वित्त मंत्री ने छोटे कर दाताओ को इंकम टैक्स 8 जीजी के तहत हाउस रेंट की छूट को बढाकर साठ हजार रुपये कर दिया है। यह पहले सिर्फ चैबीस हजार रुपये थी। वही पांच लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तिगत करदाताओं को 87 ए आगामी वित्त वर्ष में ती हजार रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट मिलेगी, जो पहले दो हजार रुपये थी। वहीं पांच लाख रुपये तक की आय वाले पांच हजार रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट मिलेगी। टैक्स स्लैब के हिसाब से 2.5 लाख रुपये से पांच लाख पये तक की सालाना आमदनी पर दस प्रतिशत की दर से टैक्स यथावत रहेगा। पांच से दस लाख आय वालों पर बीस फीसदी तथा दस लाख रुपये से ज्यादा की आय वालों पर तीस फीसदी टैक्स स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।

संसद में केंद्रीय बजट 2016-17 प्रस्तुत करते हुए वित्तमंत्री ने ऐलान किया कि पहली बार घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये के गृह-ऋण पर 50 हजार रुपये की अतिरिक्त छूट दी जाएगी। यह छूट केवल 50 लाख या उससे कम कीमत के घर के लिए ऋण लेने पर मिलेगी। आप पढ रहे हैं सबगुरु न्यूज।
वहीं महानगरों में 30 वर्गमीटर तक और गैर-महानगरीय शहरों में 60 वर्गमीटर तक के घर बनाने वाले हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को मुनाफे पर 100 फीसदी छूट देने की घोषणा की है। इससे बिल्डर्स कम आय वर्ग के मकान बनाने के लिए प्रेरित होंगे। इसी तरह केंद्र या राज्य सरकार की किसी योजना के तहत् बनने वाले या पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप में बनने वाले 60 वर्गमीटर या उससे छोटे सस्ते घर वाले प्रोजेक्ट्स को सेवा-कर से छूट देने की घोषणा की है।
नौ सेक्टरों पर विशेष ध्यान
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नौ सेक्टर पर अपनी निगाहें जमा कर रखी। बजट के इन नौ निशानों को जेटली के इस बजट की सबसे खास बातें माना जा रहा है। जेटली के ये नौ निशाने ही बजट की सफलता को बता रहे हैं। वित्तमंत्री ने नौ बातों का खास ख्याल रखा, जिसमें वित्तीय अनुशासन, कर सुधार, कृषि एवं कृषक कल्याण, ग्रामीण रोजगार एवं ग्रामीण  विकास, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा एवं कौशल विकास, आधारभूत संरचना विकास, वित्तीय सेक्टर में सुधार एवं सुशासन, व्यापार करने की सुलभता को रखा गया है। वित्तमंत्री के इन नौ निशानों के चलते ही एनडीए सरकार के इस केंद्रीय बजट को आम लोगों का बजट कहा जा रहा है।
सड़कों के लिए 55 हजार करोड़ रुपए
नई दिल्ली। वित्तमंत्री ने कारोबार की धमनियां कही जाने वाली सड़कों के लिए 55 हजार करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अगले वित्त वर्ष के लिए 10 हजार किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए अनुमति प्रदान की है। साथ ही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के विकास बांड के लिए 15 हजार करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की।

वित्तमंत्री ने बजट में सरकार की देश के सड़क यातायात को मजबूती प्रदान करने के सरकार के वादे को दोहराया और अगले वित्त वर्ष के लिए 10 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए वित्तीय अनुमति प्रदान की। देश की सड़कों के विकास के लिए वित्तमंत्री ने 55 हजार करोड़ रुपये की राशि के आवंटन की घोषणा की। साथ ही देश में राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए जिम्मेदार एजेंसी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के लिए बांड के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया।
किसानों पर नजरें इनायत
विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को आम बजट में किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणा की हैं।
इसके तहत
-2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने का लक्ष्य।
-अगले पांच सालों में किसानों की आय बढ़ाने की कोशिश।
-किसानों के लिए 35,984 करोड़ रुपये का आवंटन
-ग्राम पंचायतों को अब 80 लाख रुपये ज्यादा मिलेंगे।
-कम प्रीमियम और अधिक लाभ के लिए किसानों के लिए पीएम फसल बीमा योजना।
-86000 हेक्घ्टेयर भूमि कृषि क्षेत्र में लाई जाएगी
-कृषि योग्य भूमि को सिंचाई योजना के दायरे में लाने का लक्ष्य।
-12 राज्यों में किसानों के लिए बनेंगे ई-पोर्टल।
-12 राज्यों में किसानों के लिए थोक बाजार का निर्माण प्
-621 जिलों में दाल उत्पादन बढ़ाने के लिए योजना।
-गरीब और किसान सरकार की प्राथमिकता।
-सरकार की प्राथमिकता में गरीब और गांव के लोग।
-सरकारी योजनाओं का फायदा जरूरतमंदों और हकदारों को मिले।
-पांच लाख एकड़ खेत में जैविक खेती पर जोर, इसके लिए पूर्वोत्तर राज्यों पर विशेष ध्यान।
-खेतों की सिंचाई योजना के लिए नाबार्ड देगा 20000 करोड़ रुपये प्
-किसानों के लिए चार नई परियोजना प्
-तीन साल में खेतों को केमिकल खाद से मुक्त करने का लक्ष्य।
-पशुधन हाट के नाम से बनेगा ई-पोर्टल,
-पशुधन संवर्धन और पशुधन संजीवनी नाम की योजना।

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