नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने साल 2012 में केरल तट पर दो मछुआरों की हत्या करने के आरोपी दो इतालवी मरीनों में से एक साल्वाटोर जिरोन की जमानत संबंधी शर्तों में गुरुवार को रियायत दी। इसके अलावा भारत एवं इटली के बीच क्षेत्राधिकार के मामले पर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फैसला लेने तक उसे अपने देश में रहने की अनुमति दी।
इतालवी मरीन को स्वेदश जाने पर केंद्र ने अदालत में कोई आपत्ति नहीं जताई इस पर केरल के सीएम पी विजयन ने कड़ी नाराजगी जताई है। विजयन ने कहा है कि इस मुद्दे पर केंद्र का स्टैंड अस्वीकार्य है। ध्यान रहे कि इतालवी मरीनों पर केरल के दो मछुआरे की हत्या का आरोप है।
एक अन्य इतावली मरीन मैसिमिलियानो लाटोर तो स्वास्थ्य संबंधी कारणों के आधार पर पहले ही इटली में है और कोर्ट ने वहां उसके रहने की तिथि इस वर्ष 30 सितंबर तक के लिए हाल में बढ़ा दी थी।
न्यायाधीश पीसी पंत और न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़ की अवकाशकालीन पीठ ने यहां इतालवी राजदूत से एक नया वादा मांगते हुए कहा कि यदि अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण (आइएटी) क्षेत्राधिकार के मामले में भारत के पक्ष में फैसला सुनाता है तो मरीन को एक माह में वापस लाने की जिम्मेदारी उनकी होगी।
केंद्र ने कोर्ट को बताया कि उसे मरीन की जमानत शर्त में ढील दिए जाने को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। इटली के दो मरीनों पर केरल के भारतीय मछुआरे की हत्या का आरोप है। उन्होंने केरल तट 15 फरवरी 2012 को भारतीय मछुआरे 25 वर्षीय अजेश बिंकी और 45 वर्षीय गैलिस्टीन की हत्या की थी।