नई दिल्ली। फिल्म ‘अलादीन’ से 2009 में बॉलीवुड में प्रवेश करने वाली श्रीलंकाई सुंदरी जैकलीन फर्नांडिस डेब्यू के बाद से ही साल दर साल लगातार हिंदी फिल्म उद्योग में अपनी जगह मजबूत करती जा रही हैं। जैकलीन का खुद को व्यवसायिक फिल्मों की नायिका कहलवाने से कोई गुरेज नही है बल्कि उनका कहना है कि यह उनके लिए सर्वश्रेष्ठ सराहना है।
जैकलीन ने कहा कि यह मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ प्रशंसा होगी। मुझे लगता है कि मुख्यधारा का सिनेमा अदभुत है। यही कारण है कि ऐसी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा पैसा कमाती हैं क्यूंकि लोग वास्तव में ऐसी फिल्में देखना पसंद करते हैं।
उन्होंने कहा कि मैं खुद को एक मनोरंजन करने वाला शख्स मानती हूं। अगर मैं किसी को हंसा, रुला या उसका मनोरंजन कर सकती हूं तो यह मेरे लिए बहुत संतुष्ट देने वाला होगा। इसलिए अगर आप मेरी कमर्शियल हीरोइन के तौप पर ब्रांडिंग करते हो तो मैं बहुत खुश हूंगी क्यूंकि मैं यही चाहती हूं।
समाज के प्रांसगिक व उद्देश्यपरक विषयों पर आधारित फिल्मों पर बात करते हुए जैकलीन ने कहा कि वाणिज्यक सिनेमा कैसा (प्रांसगिक व उद्देश्यपरक विषयों) भी हो सकता है। अगर आपके पास ऐसी फिल्मों के लिए कोई अच्छी सामग्री नहीं है तो यह नहीं चलेगी और लोग इसे नहीं देखेंगे। चूंकि अधिकांश फिल्में ऐसी नहीं होती हैं इसलिए आप यह कहकर व्यावसायिक सिनेमा को अस्वीकार नहीं कर सकते हैं कि यह सामग्री या सामाजिक विषयों पर आधारित नहीं हो सकता है।
जैकलीन (32) ने कहा कि मजबूत विषय ही व्यवसायिक फिल्मों को चलाने का एकमात्र तरीका है। जैकलीन एमटीवी सुपर फाइट लीग की दिल्ली हीरोस टीम की सह-मालिक हैं। जैकलीन बॉलीवुड में आठ साल पूरे करने से उत्साहित हैं लेकिन उनका कहना है कि उन्हें अभी लंबा रास्ता तय करना है।
उन्होंने कहा कि यह (करियर) बेहतर और बेहतर होता जा रहा है। अभी भी लंबा रास्ता तय करना है। मुझे वास्तव में बहुत खुशी मिली है क्यूंकि मैं जो कर रही हूं उसका मैं आनंद उठा रही हूं। मेरे पास खुशी व आनंद के बहुत सारे अनुभव हैं।