जगदलपुर। बोधघाट थाना क्षेत्र के ग्राम कुंरदी इंडस्ट्री एरिया में वैष्णवी प्रोक्डक्ट में काम करने वाली नीरो मौर्य बुधवार की शाम को मिक्चर मशीन की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई।
मामले की जानकारी लगने के बाद युवती के शव को मेकॉज के पीएम कक्ष में देर रात रखवाया गया। वहीं युवती के शव का गुरूवार की सुबह पीएम किया गया। मामले के बाद कंपनी के मालिक के द्वारा मृतिका के परिजनों को तत्काल में 25 हजार रूपए भी देने की बात कही गई। जबकि उसके पिता लच्छू ने बताया कि नीरो नाबालिग थी और वह 17 वर्ष की थी।
सूत्रों से इस बात की जानकारी मिली कि अगर कोई पूछे तो कह देना कि नीरो 20 वर्ष की थी। वहीं गांव के सरपंच के अलावा पंच लोग भी पीएम कक्ष पहुंचे जहां पर उन्होंने कंपनी मालिक से 15 लाख रूपए मुआवजे के रूप में मांग की।
जिस पर कंपनी के लोगो ने देने से मना कर दिया और मामले को लेकर नाबालिग के परिजनों ने पीएम कक्ष के सामने ही बवाल मचाना शुरू कर दिया। काफी देर के मशक्कत के बाद आखिरकार परिजनों को 1.25 लाख कंपनी की ओर से देने की बात कही। जिसके बाद परिजनों ने शव का पीएम करवाने के बाद उसे लेकर गृहग्राम के लिए रवाना हुए।
मामले के बारे में मृत नाबालिक के पिता लच्छू ने बताया कि उसकी बेटी करीब एक साल से विकास पाड़ेय की कंपनी वैष्णवी प्रोडक्ट में काम कर रही थी। जिस दिन घटना घटी उस दिन उसके साथ उसके एक और बहन शांति के साथ ही लोकनाथ नाम का एक युवक भी काम कर रहा था।
काम करने के दौरान ही अचानक मग्गा फंसने की बात कंपनी मालिक की ओर से बताया गया था। जबकि जिस मिक्चर मशीन के पास नाबालिग काम कर रही थी वहां पर सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं था। घटना के बारे में यह बताया जा रहा है कि नाबालिक खुद ही फिसलने के कारण मशीन के अंदर गिरी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।
परिजनों ने यह भी बताया कि घटना शाम 5.30 बजे की जबकि उसे इस बात की घटना देर रात को बताया गया। परिजनों ने इस बारे में यह भी बताया कि कंपनी का ठेकेदार भी घटना के बारे में सही जानकारी परिजनों को देने में भी बहाने बना रहा था।
चेक देने की बात आई सामने पीएम के दौरान ही गांव के पंच फगनुराम नाग ने बताया कि वह संरपंच के साथ मौके पर आया और उसने यह भी बताया कि लच्छू के परिजनों को 15 लाख रूपए का मुआवजा दे जिससे कि उसके आगे की जिंदगी अच्छे से कट सके।
वही कंपनी के लोग 50 हजार अभी और बाकी के 50 हजार दो दिनों के अंदर देने की बात कह रहे थे। इसके अलावा कंपनी के लोग नगद पैसे देने के बदले चेक देने की बात भी कह रहे थे।