लखनऊ। अपराध जगत में उत्तर प्रदेश कहीं से कम नही है और यहां के माफिया डान के चर्चे भारत के कोने कोने में होते है। एक बार भी एक माफिया डान का नाम चर्चा में है। बनारस से लेकर लखनऊ तक अपराध जगत में डान बृजेश सिंह के एमएलसी चुनाव में नामांकन करने से खौफ है और सुबे की सरकार के कई मंत्री भी डरे हुए है।
उल्लेखनीय है कि वाराणसी केन्द्रीय कारागार में बंद डान बृजेश सिंह अब नेता बनने के लिए एमएलसी चुनाव में दांव आजमां रहा है और इसके लिए उसने निर्दल ही खड़ा होना उचित समझा है। गत् दिनों पूर्व में वाराणसी की कचहरी परिसर पर में डान ने एमएलसी चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र भर दिया।
इस दौरान सैकड़ों की संख्या में उसके समर्थक कचहरी परिसर में मौजूद रहे और एक सुरक्षा घेरा बनाए रखा। वहीं डान खुद ही पुलिस के तेज तर्रार वर्दीधारियों के घेरे में था। डान का नामांकन हुआ तो इसकी चर्चा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सत्ताधारी दल के मंत्रियों तक पहुंची।
प्रदेश के समस्त एमएलसी सीट पर जीत की योजना बना रहे सत्ताधारी दल के लिए अब वाराणसी सीट पर जीतना लोहे के चने चबाने जैसा हो गया है। बनारस से लेकर लखनऊ तक जहां सुबे के मंत्रियों में दहशत का माहौल है तो वहीं अपराध जगत में भी डान के नेता बनने से खौफ व्याप्त हो गया है। डान के घोर विरोधी गुट अंसारी बंधुओं के कैम्प ने डान को हराने के लिए योजना बनानी शुरू कर दी है।
माफिया मुख्तार अंसारी के नेतृत्व में चलने वाला अंसारी गुट ने डान को एमएलसी चुनाव हराने के लिए अपने दल कौमी एकता को लगा दिया है। वहीं वाराणसी सीट पर डान का सीधा मुकाबला सपा के प्रत्याशी से ही है। डान की दहशत ही कहे, जो भाजपा व अन्य बड़े दलों ने अपना प्रत्याशी भी खड़ा नही किया है। वहीं डान के लिए उनकी पत्नी और पूर्व एमएलसी अन्नपूर्णा सिंह और भतीजा व विधायक सुशील सिंह प्रचार में लगे है।
अपराध में जगत के लिए बृजेश सिंह का नाम नया नही है। दस साल तक फरार होने के बाद अचानक से न्यायालय में पेश होने वाला डान अब जेल से ही अपना साम्राज्य चलाना पसंद कर रहा है। इसमें उसका सहयोगी अजय सिंह खलनायक बाहर से सारा कारोबार देखता रहा है। वहीं डान के दो भतीजे विधायक सुशील सिंह और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुजीत सिंह डाक्टर भी डान की रणनीति के अहम खिलाड़ी है।