नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने मशहूर गायक और संगीतकार विशाल डडलानी द्वारा जैन मुनि तरुण सागर को लेकर विवादित ट्वीट मामले में उनकी याचिका को खारिज कर दिया है।
जस्टिस गोपाल गौड़ा और जस्टिस आदर्श गोयल की बेंच ने बुधवार को विशाल डडलानी की एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया।
बेंच ने यह कहते हुए राहत देने से इनकार कर दिया कि आप सीधे सर्वोच्च न्यायालय क्यों आ गए, आपको पहले हाई कोर्ट जाना चाहिए था।
वहीं इस मामले में डडलानी की वकील ने न्यायालय से गुजारिश की कम से कम हाई कोर्ट में याचिका डालने तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी जाए।
उन्होंने हास्य कलाकार किकू सारदा का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह महज एक धर्म गुरु की नकल करने के लिए उसे गिरफ्तार कर लिया गया उसी तरह पुलिस डडलानी को कभी भी एक बयान के लिए गिरफ्तार कर सकती है।
इससे पहले अपने ट्वीट विवाद के चलते डडलानी ने राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया था। विशाल डडलानी आम आदमी पार्टी के समर्थक हैं उन्होंने पार्टी के लिए प्रचारक के तौर पर काम किया है।
दसअसल, जैन मुनि तरुण सागर ने 26 अगस्त को हरियाणा विधानसभा को संबोधित किया था। अपनी परंपरा के मुताबिक तरुण सागर इस मौके पर भी बिना कपड़ों के ही थे।
इसी पर डडलानी ने लिखा, ‘अगर आपने इन लोगों के लिए वोट दिया है तो आप इस बकवास के लिए जिम्मेदार हो। नो अच्छे दिन, जस्ट नो कच्छे दिन।’ हालांकि विशाल ने बवाल होने के बाद तब तक माफ़ी मांगते रहने का ऐलान किया है जब तक लोग उन्हें माफ़ न कर दें।
इसके बाद सोशल मीडिया पर डडलानी के इस ट्वीट की आलोचना के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने विशाल के ट्वीट के लिए माफ़ी मांगी थी।
इतना ही नहीं दिल्ली के गृह मंत्री सत्येन्द्र जैन ने जैन मुनि तरुण सागर से मुलाकात करके विरोधियों से इस विवाद को खत्म करने की भी अपील की थी।