जयपुर। गणाचार्य विराग सागर की प्रथम गणिनी शिष्या आर्यिकारत्न विषाश्री माता के सानिध्य में महावीर नगर के जैन मंदिर में 2 अक्टूबर से चल रहे से श्री 1008 कल्पद्रुम महामंडल विधान व विष्वषांति महोत्सव के तीसरे दिन रविवार को मंत्रोच्चारण की स्वर लहरियों के बीच 5 पूजाएं व 216 अर्घ चढाए गए।
मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष हरीश धाडुका व मंत्री सिद्वार्थ पांड्या ने बताया कि रविवार को नित्य नियम पूजा व शांतिधारा के बाद प्रतिष्ठाचार्य पंडित प्रद्युम्न शास्त्री ने मंडल पर मंत्रोच्चारण के बीच चैत्य भूमि पूजा, खातिका पूजा,लता भूमि पूजा व उपवन पूजाएं कराई व जयकारों के बीच 216 अर्घ चढवाए।
इस दौरान गणिनी विषाश्री माता ने विधान की महत्ता पर प्रकाश डाला। विधान 11 अक्टूबर तक रोजाना सुबह 7 बजे से होगा।