जयपुर। अपनी समृद्घ कला, संस्कृति एवं विरासत के लिए मशहूर जयपुर को यूनेस्को के 47 क्रिएटिव सिटीज के नेटवर्क में शामिल किया गया है।
यूनेस्को की महानिदेशक इरीना बोकोवा ने शुक्रवार को इस संबंध में घोषणा की। जयपुर को यह उपलब्धि शिल्प एवं लोक कलाओं की श्रेणी में मिली है।
इस नेटवर्क से जुडऩे के बाद जयपुर, अफगानिस्तान के बामियान, ईरान के इस्फेहान, जापान के सासायामा, ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड, स्पेन के बार्सिलोना, यूएसए के ऑस्टिन जैसे कई अन्य शहरों की कतार में शामिल हो गया है।
विश्व के 33 देशों के जिन 47 शहरों को इस सूची में शामिल किया गया है, उनमें भारत से दूसरा शहर वाराणसी है, जिसे संगीत के क्षेत्र में यह उपलब्धि हासिल हुई है।
यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क का उद्देश्य चुने गए शहरों के बीच सतत शहरी विकास, सामाजिक समावेश एवं सांस्कृतिक जीवन्तता के लिए अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।
राजस्थान के लिए गर्व की बात – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने जयपुर की इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह राजस्थान के लिए ही नहीं पूरे देश के लिए गर्व की बात है।
क्रिएटिव सिटीज के नेटवर्क में शामिल होने से जयपुर को विश्व के अन्य शहरों के साथ सहभागिता बढ़ाते हुए अपनी समृद्ध कला एवं संस्कृति को लोकप्रिय बनाने का अवसर मिलेगा। यूनेस्को के इस निर्णय से राजस्थान की लोककला एवं शिल्प को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिलेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में शिल्प एवं लोक कलाओं को प्रोत्साहन देने के लिए पिछले कुछ समय में कई पहल की हैं। इस उपलब्धि से हमारे प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा। राजस्थान ने अपनी विरासत एवं संस्कृति के बल पर विश्व के पर्यटन मानचित्र पर एक अलग पहचान दर्ज की है।
राजे ने कहा कि हाल ही में आयोजित रिसर्जेंट राजस्थान सम्मेलन में आए देश-विदेश के निवेशकों एवं विदेशी मेहमानों ने राजस्थान की विरासत यहां की कला एवं संस्कृति की जमकर प्रशंसा की थी।