जयपुर। जयपुर साहित्य में गुरुवार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और गीतकार गुलजार ने गुरुवार को राज्य वन्य जीव मण्डल के सदस्य वाल्मीक थापर की किताब ‘लिविंग विद् टाइगर्स’ का विमोचन किया।
पुस्तक सवाई माधोपुर के रणथम्भोर नेशनल पार्क में टाइगर प्रोजेक्ट की सफलता पर आधारित है। संजना कपूर ने पुस्तक के अंश पढ़े। लेखक ने मुख्यमंत्री को बाघों के संरक्षण के लिए सबसे अधिक प्रयास करने वाली नेता बताया।
इस दौरान राजे ने कहा है कि यदि जंगलों में टाइगर जिंदा रहेंगे, तभी मनुष्य का जीवन संरक्षित रह सकेगा। यह खूबसूरत जानवर हमारे पर्यावरण की सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
राज्य सरकार बाघ सहित अन्य वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कई कदम उठा रही है और इसमें नई पीढ़ी, विशेषकर युवाओं का सहयोग आवश्यक है। लोगों को वन्यजीवन के बारे में अधिकाधिक पढ़ना, जानना और समझना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमें हमारे बच्चों को प्रकृति के साथ जीवन जीने का संदेश देना चाहिए। वन्य जीवों के संरक्षित रहने से ही प्रदेश में पर्यटन का भी विकास होगा। साथ ही, पर्यटकों को भी यह समझना चाहिए कि अभ्यारण्य वन्यजीवों के घर हैं और वहां जाने पर उनको जिम्मेदारी से पेश आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वन्यजीवों के मनुष्यों के साथ संघर्ष को कम करने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। वन क्षेत्र के आस-पास रहने वाली आबादी की वनों पर निर्भरता घटाने के लिए निशुल्क रसोई गैस उपलब्ध कराई जा रही है।
सरिस्का अभ्यारण्य में बाघों के पुनर्वास का सफल प्रयोग करने के बाद अब मुकुन्दरा अभ्यारण्य में भी बाघों को बसाने के लिए उपयुक्त वातावरण तैयार किया जा रहा है।
इस अवसर पर वाल्मीक थापर ने प्रदेश में बाघों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राजे पिछले 25 वर्षों से लगातार इस दिशा में प्रयासरत हैं।
उन्होंने टाइगर कन्जरवेशन कड़ाई से निर्णयों की पालना कराई। सही समय पर सही निर्णय लिए, जिसके चलते आज प्रदेश बाघों की राजधानी बन गया है।
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