छपरा। जिले के पानापुर प्रखण्ड के रसौली बिंद टोली में शुक्रवार की दोपहर उत्सवी माहौल था। श्रद्धालु पिछले 12 घंटे से समाधि लिए बाबा का समाधि से बाहर निकलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। दोपहर 12 बजे बाद बाबा जैसे ही समाधि से बाहर निकले भक्तो के जयकारे से माहौल गूंज उठा।
हालांकि इस बार श्रद्धालुओं की संख्या सैकड़ो में थी। एक समय ऐसा था जब बाबा की समाधि के समय हजारों की भीड़ जुटती थी। समाधि स्थल श्रद्धालुओं की भीड़ से पटी रहती थी। उसी बाबा की दूसरी समाधि के समय भारी भीड़ नदारद थी।
जनकल्याण के लिए समाधि लेने का दावा करने वाले बाबा की बात शायद इस बार श्रद्धालुओ को रास नहीं आई। केवल पत्ते खाकर जीवनयापन करने का दावा करने वाले रसौली बिंद टोली निवासी जयराम सहनी उर्फ़ जयराम बाबा ने गुरुवार की रात 12 घंटे की समाधि ली थी।
शुक्रवार की दोपहर 12 बजे बाबा जब समाधि से निकले तो उन्हें देखने के लिए मात्र कुछ लोग की ही भीड़ इकट्ठी थी। आज से करीब एक वर्ष पहले एक समय ऐसा भी था जब बाबा समाधि लिए थे तब उनको देखने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी थी।
बाबा का आशीर्वाद पाने के लिए कई जनप्रतिनिधि भी पहुंचे थे। अपनी बढ़ती लोकप्रियता से खुश होकर ही बाबा गत पंचायत चुनाव में पानापुर भाग -2 से जिला पार्षद पद के लिए कूद पड़े थे। उस वक्त बाबा ने कहा था कि जनकल्याण के लिए मैं चुनावी दंगल में उतरा हूं।
खैर चुनाव में बाबा की बातों को जनता ने सिरे से ख़ारिज कर दिया और बाबा बुरी तरह पराजित हो गए थे। चुनाव में हार के बाद बाबा एक बार फिर गुरुवार की रात समाधि के लिए तैयार हुए लेकिन इस बार जनता ने चुनाव की तरह इस समाधि को नजरअंदाज कर दिया।