नई दिल्ली। तमिलनाडु के धार्मिक उत्सव से जुड़े खेल जलीकट्टू पर प्रतिबंध के विरोध की आंच चेन्नई से उठकर दिल्ली तक पहुंच गई है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये मामला न्यायालय के सामने लंबित है। बावजूद इसके वह जलीकट्टू के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को समझते हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए इस बारे में अध्यादेश लाने की मांग की थी।
पीएमके नेता अंबुमणि रामदास ने भी प्रधानमंत्री से इस बारे में मुलाकात का समय मांगा है। उधर,जलीकट्टू पर आधायत्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने कहा कि तमिलनाडु में पोंगल त्योहार दिवाली और होली से बड़ा होता है, और पोंगल का अनिवार्य हिस्सा जलीकट्टू है।
भाजपा नेता डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा है कि यह तमिलनाडु के लोगों का सांस्कृतिक व धार्मिक महोत्सव है जिसमें बैलों को पूजा जाता है। उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाया जाता। गौरतलब है कि, तमिलनाडु के 31 कॉलेज गुरुवार को जलीकट्टू के समर्थन में बंद हैं।
इसके अलावा सोशल मीडिया पर राज्य को एक दिन बंद करने की मांग भी हो रही है। दिल्ली स्थित तमिलनाडु भवन के बाहर भी यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं।
गौरतलब है कि बुधवार को चेन्नई हाईकोर्ट ने इस मसले पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही तमिलनाडु के इस पारंपरिक खेल जिसमें सांडों की भिड़ंत होती है उस पर प्रतिबंध लगा दिया था जिसका विरोध किया जा रहा है। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की मुलाकात के बाद इस मुद्दे पर नतीजा क्या निकलता है।
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