जालोर। राज्य सरकार ने रंगे हाथों रिश्वत लेते पकडे जाने पर जालोर नगर परिषद के सभापति भंवरलाल माली को निलंबित कर दिया है। सभापति 19 अगस्त को दलाल के माध्यम से एक ठेकेदार का बिल पास करने की एवज में रिश्वत लेते धराए गए थे। इसके बाद एसीबी ने राज्य सरकार से सभापति को निलंबित करने की मांग की थी। उल्लेखनीय है कि सबगुरु न्यूज ने 3 सितम्बर को भ्रष्टता के रिकार्ड तोडने पर आमादा भाजपा! शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था।
एसीबी की जोधपुर के अधिकारी सीपी शर्मा के मार्गदर्शन में पाली ग्रामीण चौकी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनराज पुरोहित ने मय दल कार्रवाई करके 19 अगस्त को कॉलेज के पास देवेन्द्र आचार्य को ठेकेदार जितेन्द्र माली से 35 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफतार किया था। इस दौरान दूरभाष पर देवेन्द्र की जालोर सभापति से बात करके इस बात की पुष्टि की गई कि देवेन्द्र को जालोर सभापति भंवरलाल माली ने ही पैसे लेने के लिए मध्यस्थ के रूप में भेजा था तो इसके बाद जालोर सभापति को भी गिरफ्तार कर लिया गया। उनके दफतर से जितेन्द्र के पेमेंट वाली पत्रावली भी जब्त की गई।
फिर काटने लगे थे चेक
19 अगस्त को गिरफतारी के बाद जालोर सभापति भंवरलाल माली ने 2 सितम्बर को फिर से जालोर नगर परिषद में सभापति का पद संभाल लिया था। इतना ही नहीं जिन चैकों को काटने के बदले में रिश्वत लेने के लिए व रंगे हाथों पकडे गए थे, उन्हीं चेकों पर फिर से हस्ताक्षर भी करने लगे थे। इस पर सरकार की चहुंओर थू-थू हुई।
सबगुरु न्यूज ने इस मसले को 3 सितम्बर को ‘भ्रष्टता के रिकॉर्ड तोडने पर आमादा भाजपा!’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद सरकार ने 7 सितम्बर को उन्हें निलंबित कर दिया। जालोर सभापति भंवरलाल माली भाजपा का था और सरकार के उन्हें निलंबित नहीं करने पर चहुंओर भाजपा की तुलना कांग्रेस से होने लगी थी।
पार्षद रहेंगे!
रिश्वत लेते पकडे जाने के बाद अभी भी भंवरलाल माली को सभापति पद से ही निलंबित किया गया है। पार्षद पद से निलम्बन का इसमें कोई जिक्र नहीं है, ऐसे में भाजपा सरकार की यह इमानदारी भी आधी अधूरी ही नजर आ रही है।
अब कौन होगा सभापति
जालोर के वर्तमान सभापति के निलम्बन के बाद अब फिर से जालोर नगर परिषद के लिए सभापति पद के लिए कवायद शुरू हो जाएगी। तीस वार्डों वाली जालोर नगर परिषद में भाजपा के 15 ही पार्षद थे। ग्यारह पार्षद कांग्रेस के और चार पार्षद निर्दलीय हैं। जालोर सभापति का पद ओबीसी के लिए आरक्षित है। अब जालोर नगर परिषद में भाजपा में ओपी माली व हंसमुख नागर, कांग्रेस में मिलीलाल, देवाराम और शोभा सुंदेषा तथा निर्दलीयों में भैरूसिंह ओबीसी का प्रत्याशी है।
सूत्रों के अनुसार निर्दलीय भैरूसिंह को भाजपा ने उपसभापति पद का दांव देकर अपने समर्थन में किया था। अब इनमें से कौन सभापति होगा यह पार्षदों की गणित पर निर्भर करेगा, लेकिन पार्षद पद से निलंबित नहीं होने के कारण अभी निलंबित सभापति भंवरलाल माली भी अगला सभापति तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हो सकता है कि भाजपा के राज में ही निलंबित होने की नाराजगी सभापति पद के चुनावों में भी देखने को मिल जाए।
https://www.sabguru.com/bjp-image-damaged-afterre-joining-of-jalore-chairman/ भ्रष्टता के रिकार्ड तोडने पर आमादा भाजपा!