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jalore mp and other members biycott meeting of mount abu monitoring committee
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ब्यूरोके्रट्स के कथित मकडजाल में फंसी माॅनीटरिंग कमेटी, सदस्यों ने बताया संवैधानिक अपराध

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ब्यूरोके्रट्स के कथित मकडजाल में फंसी माॅनीटरिंग कमेटी, सदस्यों ने बताया संवैधानिक अपराध
mount abuaddressing media after boycott of meeting
mount abuaddressing media after boycott of meeting

सबगुरु न्यूज-माउण्ट आबू। सात दिन पहले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिविल सर्विस डे पर दी गई स्पीच के माध्यम से देश के ब्यूरोक्रेट्स को कम अटकाने की बजाय काम के निस्तारण की प्रवृत्ति पैदा करने का असर माउण्ट आबू माॅनीटरिंग कमेटी पर काबिज ब्यूरोक्रेट्स पर होता नजर नहीं आ रहा है। शायद यही कारण है कि माउण्ट आबू की माॅनीटरिंग कमेटी में काबिज ब्यूरोक्रेट्स भी अब आक्रोश की जद में आने लगे हैं और पहली बार इस कमेटी की बैठक का बहिष्कार किया गया।

 

माॅनीटरिंग कमेटी के सदस्यों ने बैठक के अध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर रोष जताते हुए इन ब्यूरोक्रेट्स को सुप्रीम कोर्ट तथा एनजीटी के निर्णयों की  स्वैच्छिक व्याख्या करके माउण्ट आबू के लोगों का कथित उत्पीडन करने वाला संवैधानिक अपराध करने तक का आरोप लगाया है। इनकी कार्यप्रणाली से नाराज सांसद और शेष सदस्य बैठक का बहिष्कार करके बाहर आ गए।
संभागीय आयुक्त रतन लाहोटी के आह्वान पर शुक्रवार को माउण्ट आबू ईको सेंसेटिव जोन की माॅनीटरिंग कमेटी की 17 वी बैठक शुरू हुई। इस बैठक में अध्यक्ष रतन लाहोटी और अन्य सदस्य अधिकारी एनजीटी का बहाना बनाते हुए माउण्ट आबू में निर्माण की अनुमति देने से मना करने लगे।
इस पर सदस्य ईश्वरचंद डागा ने कहा कि जोनल मास्टर प्लान लागू होने के बाद माॅनीटरिंग कमेटी सिर्फ एक निगरानी समिति रह गई है। ऐसे में इसे निर्माण, मरम्मत, रिनोवेशन आदि की अनुमति देने का अधिकार नहीं रह गया है।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से माउण्ट आबू ईको सेंसेटिव जोन के लिए जारी नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए बताया कि  जोनल मास्टर प्लान का नोटिफिकेशन के बाद माॅनीटरिंग कमेटी को मास्टर प्लान के अनुरूप निर्माणों को रोकने का कोई अधिकार नहीं है। समिति सिर्फ पर्यावरण संरक्षण के संबंध में एक राय देने वाली समिति है। इस पर भी बैठक में मौजूद अधिकारी मानने को तैयार नहीं थे।
इसी तरह बैठक में आमंत्रित सदस्य सांसद देवजी पटेल ने भी समिति में अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर रोष जताया। उनके द्वारा माउण्ट आबू वासियों का माॅनीटरिंग कमेटी में मौजूद ब्यूरोक्रेट्स के माध्यम से माउण्ट आबू के लोगों का किये जा रहे कथित उत्पीडन पर उन्होंने भी रोष जताया। इसके बाद सांसद देवजी पटेल, माॅनीटरिंग कमेटी के सदस्य ईश्वरचंद डागा व चेतन चारण बैठक का बहिष्कार करके बाहर आ गए।
-शक के कई वजहें
माउण्ट आबू की माॅनीटरिंग कमेटी की मीटिंग्स को संभागीय आयुक्तों ने किसी रक्षा बैठक का रूप दे दिया है। हालात यह है कि अब तक 17 बैठकें हुई हैं, लेकिन किसी बैठक के बाद पारदर्शिता के लिए स्वयं संभागीय आयुक्त या बैठक के सचिव जिला कलक्टर बैठक में लिए गए निर्णयों को ब्रीफ नहीं करते।

आरोप यह भी है कि  इतने विकट हैं कि एक-एक पखवाडे तक तो बैठक की प्रोसिडिंग तक नहीं लिखी जाती। पारदर्शिता के अभाव में बैठक के पूर्व अध्यक्ष आर के जैन के समय में माॅनीटरिंग कमेटी में भ्रष्टाचार के जबरदस्त आरोप लगे।
वैसे शुक्रवार को हुई बैठक के बाद संभागीय आयुक्त  रतन लाहोटी ने बताया कि उन्होंने इस सतरहवीं बैठक में क्या निर्णय लिए हैं। लाहोटी ने बताया कि बैठक में माइनर मरम्मत के लिए माउण्ट आबू उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता और डीएफओ की सब कमेटी बनाई है। ताकि आवासीय भवनों आदि में आम आदमी को समस्या नहीं आए।  यह कमेटी माइनर मरम्मत के निर्णय करेगी।

उन्होंने कहा कि कई सरकारी प्रोजेक्ट्स आ रहे हैं उनके क्लीयरेंस पर भी चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि  आबू पर्यावरण समिति की बैठक भी साथ में ही हुई, इसमें हमने वन विभाग के लिए फायर सेफ्टी इक्यूपमेंट खरीदने, नरेगा के तहत फायर लाइंस काटने का काम करवाने आदि का निर्णय किया।
-इनका कहना है…
हर बार अधिकारी कोई नया आदेश का हवाला देकर माउण्ट आबू के विकास में अडंगा डालते हैं। हम सरकार से पूछेंगे कि नोटिफिकेशन और आदेश में अंतर क्या है, जिनका हवाला देकर माॅनीटरिंग कमेटी में काबिज अधिकारी यहां काम नहीं होने दे रहे। इसीलिए मैने बैठक को छोड दिया।
देवजी पटेल
सांसद, जालोर।

जोनल मास्टर प्लान लागू होने के बाद माॅनीटरिंग कमेटी सिर्फ निगरानी समिति है। यह लोग माउण्ट आबू वासियों को उनके मूल अधिकारों से वंचित करके संवैधानिक अपराध कर रहे हैं।
ईश्वरचंद डागा
सदस्य माॅनीटरिंग कमेटी, माउण्ट आबू।
माॅनीटरिंग कमेटी में कोई काम नहीं हो रहा है। हम लोगों ने निर्णय किया है कि 8 मई को होने वाली सुनवाई में माउण्ट आबू वासी भी पार्टी बनेंगे, ताकि उनके समक्ष यहां की स्थिति का स्पष्ट किया जा सके।
सौरभ गांगडिया
सदस्य, माॅनीटरिंग कमेटी, माउण्ट आबू।
हर मेम्बर का अपना व्यू हो सकता है। एनजीटी का अपना जो स्टेट्स को है उसे हमें मानना पडेगा। हमें अपना पक्ष एनजीटी के समक्ष रखना होगा।
रतन लाहोटी
अध्यक्ष, माॅनीटरिंग कमेटी, माउण्ट आबू।