नई दिल्ली। जम्मू एवं कश्मीर में इस साल नौ जुलाई तक 172 आतंकवादी घटनाएं हुई, जिसमें 12 नागरिकों की जाने गईं और 38 जवान शहीद हुए। वहीं 95 आतंकवादी मारे गए।
राज्यसभा में प्रभात झा द्वारा बुधवार को पूछे गए सवाल के जवाब में गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने साल 2011 से 2017 तक के आतंकवादी घटनाओं का ब्योरा दिया। उन्होंने कहा कि इस साल नौ जुलाई तक जम्मू एवं कश्मीर में 172 आतंकवादी घटनाएं हुई, जिसमें 12 नागरिक, 38 जवान और 95 आतंकवादी मारे गए।
अहीर ने कहा कि पिछले साल 2016 में 322 आतंकवादी घटनाओं में 15 नागरिक, 82 जवान और 150 आतंकवादी मारे गए थे। वहीं 2015 में 208 घटनाओं में 17 नागरिक, 39 जवान और 108 आतंकवादी मारे गए।
मंत्री ने कहा कि साल 2014 में 222 आतंकवादी घटनाएं हुई, जिसमें 28 नागरिक, 47 जवान और 110 आतंकवादी मारे गए। जबकि 2013 में 170 घटनाओं में 15 नागरिक, 53 जवान और 67 आतंकवादियों की जाने गईं।
गृह राज्यमंत्री ने बताया कि साल 2012 में 220 आतंकवादी घटनाओं में 15 नागरिक मारे गए और 15 जवान शहीह हुए, जबकि 72 आतंकवादी मारे गए। वहीं 2011 में 340 अतंकवादी घटनाएं हुईं, जिसमें 31 नागरिक, 33 जवान और 100 आतंकवादी मारे गए।
गृह मंत्रालय के अनुसार नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में पिछले तीन वर्षो के दौरान (जुलाई 2014 से जुलाई 2017) हिंसा की घटनाओं में पहले के तीन वर्षो (जुलाई 2011 से जून 2014) की तुलना में 22.25 प्रतिशत (3999 से 3109) की कमी आई है।
वहीं नक्सलियों के मारे जाने की संख्या में पिछले तीन वर्षो (जुलाई 2011 से जून 2014) की तुलना में 78 प्रतिशत (228 से 406) की बढ़ोतरी हुई है।
वामपंथी उग्रवाद से पीड़ित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस साल आठ मई को एक बैठक की। बैठक में वामपंथी उग्रवाद के खात्मे से संबधित सुरक्षा और विकास के उपायों पर चर्चा की गई थी।