जमशेदपुर। इंडियन ओवरसीज बैंक के मैनेजर शशि कुमार ने अपने साढे तीन वर्ष के पुत्र द्विज कुमार की हत्या सुपारी देकर इसलिए करवा दी कि क्योंकि वह उनका गोद लिया पुत्र था। यही नहीं इस दौरान उसने अपनी पत्नी मंजु कुमारी (41) की भी हत्या करवा दी।
इसके लिए आरोपी पति शशि कुमार ने लगभग 5 लाख रुपये में हत्या का सौदा किया था। हत्यारों को बतौर एडवांस एक लाख रुपए दिए जा चुके थे। इसका खुलासा तब हुआ जब सुपारी लेने वाले लोगों में पैसे के बंटवारे को लेकर झगड़ा हुआ। इस झंगड़े मे एक की हत्या भी कर दी गई। जब हत्या करने वाला की शख्स की गिरफ्तारी हुई। तब पुछताछ में मामले का खुलासा हुआ।
मंजू कुमारी और द्विज की हत्या के मामले का गुरुवार को प्रेसवार्ता में एसएसपी अनुप टी मैथ्यू ने खुलासा किया। दो माह पहले बनी थी प्लांनिग एसएसपी ने बताया कि मंजू और द्विज को मारने की योजना दो माह पूर्व बनी थी। इसके लिए 15 नवंबर का दिन तय किया गया था।
एसएसपी ने कहा कि दो माह पहले उलीडीह के रहने वाले मुकेश शर्मा अपनी बहन की शादी के लिए बैंक से कर्ज मांगने के लिए शशि प्रसाद के पास गए थे। पर प्रसाद ने कर्ज देने से उसे मना कर दिया था। उसके बाद शशि प्रसाद ने उससे कहा कि अगर वह किसी की हत्या करेगा तो इसके एवज में उसे पांच लाख रुपए मिलेंगे।
तो मुकेश ने कहा कि किसकी हत्या करनी है। इसपर शशि ने बताया कि उसकी पत्नी और बेटे की। मुकेश को उस वक्त पैसे की जरुरत थी तो उसने शशि की बात मान ली और अपने रिश्ते के बहनोई मोहन शर्मा को इस योजना में शामिल कर लिया।
एसएसपी बताया कि दोनों को बैंक मैनेजर ने भरोसा दिलाया कि वे इस मामले मे नहीं फंसेंगे। हत्या की प्लानिंग में बताया गया कि हत्या के समय ग्लब्स का उपयोग करना है। इसके बाद उसे जंगल के उस पार फेंक देना है। ताकि लोगो को लगे कि हत्यारा हत्या करके उस ओर भागा है।
एसएसपी ने कहा कि तयशुदा समय के अनुसार 15 नवंबर को दिन के साढे़ तीन बजे मुकेश और महेश शशि के उलीडीह स्थित मधुसुदन डी फ्लैट ई 105 में गए। जब उन्होंने दरवाजा खटखटाया तो अंदर से मंजू ने पूछा कि क्या काम है तो तो उन्होंने बताया कि वे कारपेंटर है और घर का पर्दा ठीक करना है।
चूंकि दोनों पहले शशि के घऱ मे काम कर चुके थे। इसलिए मंजू ने उन्हें अंदर आने दिया। इसके बाद दोनों ने पहले तकिये से गला घोंटकर द्विज की हत्या की और बाद में मंजू की हत्या कर दी।
एसएसपी ने बताया कि 22 नवंबरको पोटका थाना क्षेत्र के हाता चौक के पास एक फर्नीचर दुकान में एक शव बरामद किया गय़ा था। जांच में उस शव की पहचान उलीडीह के रहने वाले मोहन शर्मा के रुप मे की गई। जांच मे पता चला कि उसके साले मुकेश शर्मा ने ही उसकी हत्या की है।
इसके बाद पुलिस ने मुकेश शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। जब उससे कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने स्वीकार किया कि उसने ही अपने जीजा मोहन शर्मा की हत्या की है। उसने बताया कि उलीडीह में मां और बेटे की हत्या में जो पैसा मिला था उसी पैसे को लेकर हुए विवाद में उसने अपने जीजा की हत्या कर दी।
एसएसपी ने कहा कि पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि बैक मैनेजर ने अपनी पत्नी और बच्चे की हत्या के लिए उसे पांच लाख रुपए की सुपारी दी थी। और एडवांस मंे उन लोगों को एक लाख रुपए मिल भी गए थे। उन्होंने कहा कि शशि प्रसाद को शादी के बाद बच्चा नहीं हुआ था।
कई सालों तक बच्चा नहीं होने के कारण गौहाटी में शशि प्रसाद और मंजू ने मिलकर एक बंगाली परिवार से एक बच्चे को गोद लिया था। लेकिन शशि प्रसाद उसे कभी अपना नहीं समझते थे। इधऱ दो साल से गुजरात में रहने वाली मौसी की बेटी से शशि प्रसाद को प्यार हो गया था।
शशि प्रसाद की योजना थी कि मंजू और द्विज की हत्या करने के बाद वह अपनी मौसेरी बहन से शादी कर लेगा। गौरतलब है कि मानगो को उलीडीह थाना क्षेत्र स्थित मधुसूदन डी चौधरी कम्पलेक्स के फ्लैट न 105 में 15 नवंबर को मंजू कुमारी और उसके तीन वर्ष के पुत्र द्विज कुमार की हत्या कर दी गई थी।
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