देशभर में आज जन्माष्टमी मनाई जा रही है। आधी रात ठीक बारह बजे कान्हा का जन्म होगा। उत्तर प्रदेश के मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर शुक्रवार से ही तैयारियां शुरू हो गई, मंदिरों में झांकियां बनकर तैयार हैं। श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में तो इस समय महाउत्सव का माहौल है। वहां दुनिया भर से भक्तों की भीड़ जुट गई है।
राजधानी लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, फैजाबाद, मेरठ, आगरा, मथुरा समेत उप्र के विभिन्न शहरों में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर लोगों में उत्साह है। पुलिस थानों और जेलों में इस उत्सव को मनाने हेतु विशेष इंतजाम किये गये हैं। अन्तर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्काॅन) के मंदिरों में तो श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर उल्लास का माहौल है। इन मंदिरों में इस अवसर पर कई दिन तक कार्यक्रम चलते हैं।
श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा समेत समूचे ब्रज क्षेत्र में तो शुक्रवार से ही महाउत्सव का माहौल है। देश विदेश के भक्त वहां जुट गये हैं। मंदिरों को विशेष तरह से सजाया गया है। यहां के मंदिरों में अलग-अलग वक्त पर जन्माष्टमी के कार्यक्रम होंगे। ब्रज क्षेत्र में आज मंदिरों के अलावा घर-घर में गोपाल प्रकट होंगे। जन्म की खुशी में झूमने के लिए समूचा ब्रजमंडल और ब्रजवासी तैयार हैं। जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर ही भजन-संकीर्तन के बीच भगवान श्रीराधा-कृष्ण को चंद्रकी्य पोशाक धारण करा दी गई।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर जन्म महाभिषेक का अलौकिक कार्यक्रम रात्रि 11 बजे श्री गणेश-नवग्रह आदि के पूजन से शुरू होगा। रात्रि 11.55 तक पुष्प सहस्रार्चन होगा। रात्रि 12 बजे भगवान के प्राकट्य के साथ मंदिर परिसर में ढोल, नगाड़े, झांझ-मजीरे, मृदंग और हरिबोल के साथ भक्तजन नाच उठेंगे।
जन्म की महाआरती शुरू होगी, जो रात्रि 12.10 बजे तक चलेगी। भगवान का जन्म महाभिषेक रात्रि 12.15 से 12.30 बजे तक होगा। 12.40 से 12.50 तक भक्तों को श्रृंगार आरती के दर्शन होंगे। श्रृंगार आरती के बाद भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित 1008 कमलपुष्प भागवत भवन में उपस्थित भक्तों को रात्रि एक बजे तक वितरित किए जाएंगे। रात्रि 1.28 से रात्रि 1.30 बजे तक ठाकुरजी की शयन आरती होगी।
श्री द्वारिकाधीश मंदिर में पांच सितंबर सुबह साढ़े छह बजे पंचामृत दर्शन, सुबह नौ बजे श्रंृगार दर्शन, रात्रि 12 बजे जन्मोत्सव। छह सितंबर को सुबह दस बजे से नंद महोत्सव। गोकुल में शनिवार को रात्रि 12 बजे जन्मोत्सव और छह सितंबर को सुबह साढ़े दस बजे से नंदोत्सव
बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन में छह दिसंबर को रात्रि 12 बजे ठाकुरजी का महाभिषेक, रात 1.45 तक दर्शन खुले रहेंगे। रात्रि 1.55 बजे मंगला आरती होगी। आरती के बाद सुबह पांच बजे तक मंदिर के दर्शन। पांच बजे पट बंद होने के बाद सुबह 7.45 बजे तक नियमित रूप से दर्शन खुले रहेंगे। दधिकांघा दोपहर राजभोग आरती से पहले तक चलेगा।
हमारे मथुरा संवाददाता के अनुसार अजन्मे के जन्म के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मथुरा पहुॅच चुके हैं। कान्हा के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ जन्मभूमि पर उमड़ पड़ी है। वहीं श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिहाज से पुलिस एवं पीएसी के जवान चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए हैं। इसके अलावा खुफिया एजेन्सिया भी हर गतिविधि पर अपनी नजर बनाए हुए हैं।
शहर की मिश्रित आबादी और होटल, गेस्ट हाउस और धर्मशालाओं मेें पुलिस एवं खुफिया एजेन्सियों के अधिकारी निगरानी रखे हुए हैं। विश्व विख्यात मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर आज जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जा रहा है। अजन्मे के जन्म का साक्षी बनने देश के विभिन्न प्रान्तों से आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिहाज से कान्हा की नगरी में पहरा कड़ा कर दिया है।
ब्रज क्षेत्र में रातभर लोग भजन-कीर्तन में जुटे रहे। कल सुबह से ही जगह-जगह भंडारे शुरू हो गए हैं। ब्रजवासी कान्हा के जन्मदिन के दिन किसी भी आए हुए मेहमान को भूखे नहीं जाने देना चाहते। इसी कारण भंडारे पर कर लगने के बावजूद भंडारों के आयोजन में कोई कमी दिखाई नहीं दे रही है।
जन्मभूमि पर आज शाम को पैर रखने की जगह नहीं मिलेगी। इस समय ब्रज में जन्माष्टमी और राधे-राधे के आलावा कोई और बात नहीं सुनाई दे रही है।
इस बार जन्माष्टमी का विशेष महत्व
इस बार जन्माष्टमी का विशेष महत्व है। तेरह साल बाद इस दिन तीन खास योग अद्भुत संयोग बना रहे हैं। आज शनिवार के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत योग और श्री वर्ष योग एक साथ होंगे। इसे ज्योतिष विज्ञानी बेहद शुभ मान रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत पूजन करने से अधूरे काम पूरे होंगे। 5 को जन्माष्टमी 6 सितंबर को नंदोत्सव मनाया जाएगा।
आचार्य डा ओमप्रकाशाचार्य के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र था। इस बार जन्माष्टमी के दिन अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र रहेगा। रोहिणी नक्षत्र रात्रि 12.09 बजे तक रहेगा। श्री वर्ष योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत योग सुबह 6.23 बजे से प्रारंभ होकर रात्रि 12.09 बजे तक रहेगा। इस दिन चंद्रोदय रात्रि 11.49 बजे होगा।