चंडीगढ़। हरियाणा में जाट आरक्षण सहित छह मांगों को लेकर चल रहा अनिश्चितकालीन धरना अब मात्र नौ जिलों में सांकेतिक रूप से चलेगी। झज्जर, कैथल, जींद, फतेहाबाद, भिवानी, रोहतक, पानीपत, हिसार व सोनीपत में ही सांकेतिक धरना चलेगा। यही नहीं सभी जिलों में आंदोलन की कमेटियों को भी भंग कर दिया गया है।
नई कमेटी के गठन तक जिलाध्यक्षों को जिला संयोजक के रूप में काम करने को कहा गया है। रविवार को जींद में जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश कार्य समिति की बैठक हुई। जिसमें अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक सहित अन्य जाट नेताओं ने भाग लिया।
बैठक में जाट नेताओं ने 19 मार्च को नई दिल्ली में हरियाणा सरकार के साथ हुए समझौते की समीक्षा की। जाट नेताओं ने सरकार द्वारा समझौते के क्रियान्वयन की दिशा में उठाएं गए कदमों पर संतोष जताया। इसके बाद जाट नेताओं ने केवल नौ जिलों में ही सांकेतिक धरना जारी रखने का निर्णय लिया।
बता दें कि हरियाणा के 20 जिलों में 29 जगहों पर अनिश्चिकालीन धरना चल रहा था। इसके साथ ही जाट नेताओं ने आंदोलन को लेकर गठित किए गए। सभी जिला कमेटियों को भंग कर दिया। सभी जिला अध्यक्षों को जिला संयोजक के नाम से नई कमेटी के गठित होने तक काम करने को कहा गया है।
बैठक में तय किया गया कि प्रदेश कार्यकारिणी की अगली बैठक सोनीपत में होगी। जहां पर नई जिला कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। यही नहीं बैठक में यह भी तय किया गया कि प्रत्येक पन्द्रह दिन पर प्रदेश कार्यकारिणी बैठक कर सरकार द्वारा समझौते के क्रियान्यवन के लिए किए कार्यों की समीक्षा करेगी।
इसके साथ ही आंदोलन को गतिशील बनाए रखने के लिए एक सामुहिक कोष स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया। जिसका संचालन पन्द्रह सदस्यीय कमेटी द्वारा किया जाएगा।