चंडीगढ़। जाट आरक्षण को लेकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह के विवादित ऑडियो टेप मामले में अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद सेशन कोर्ट में लगाई गई अग्रिम जमानत शुक्रवार को याचिका खारिज कर दी गई। अब कभी भी वीरेंद्र सिंह की गिरफ्तारी हो सकती है।
गौरतलब है कि प्रो. वीरेंद्र सिंह और कप्तान मान सिंह को इस मामले की जांच में शामिल होने के लिए 28 फरवरी तक का नोटिस दिया था। वीरेंद्र सिंह अभी तक पुलिस के सामने पेश नहीं हुए हैं, जिसके चलते उनके खिलाफ जिला एवं सेशन कोर्ट की तरफ से अरेस्ट वारंट जारी किया गया।
प्रोफेसर के वकील नवदीप सिंह ने पुलिस द्वारा अरेस्ट वारंट लेने व गिरफ्तारी के लिए टीम गठित करने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कानून के मुताबिक पुलिस से समय मांगा गया था।
वकील की मानें तो मोहलत खत्म होने से पहले अग्रिम जमानत की अर्जी भी लगा दी गई है। इसकी जानकारी होने के बावजूद पुलिस तथ्यों को छिपाकर प्रोफेसर के साथ भगोड़ों जैसा व्यवहार कर रही है।
कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया, ऐसे में अब कभी भी प्रो. वीरेंद्र सिंह की गिरफ्तारी हो सकती है, वहीं कोर्ट ने 10 मार्च तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
प्रो. वीरेंद्र सिंह पर देशद्रोह, जातीय हिंसा कराने और साजिश रचने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। रोहतक के सिविल लाइन पुलिस स्टेशन धारा 124 ए, 120 बी, 109, 153, ए,बी और 3 पीडीपी एक्ट के तहत दर्ज हुआ था।