चेन्नई। तमिलनाडु से कांग्रेस की दिग्गज नेता रहीं जयंती नटराजन ने पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने पार्टी छोड़ने की घोषणा शुक्रवार को की और इसकी वजह पार्टी का सिद्धांतों से भटक जाना बताया है। इससे पहले उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपनी भड़ास निकाली है, जिससे पार्टी की तमिलनाडु इकाई हैरान है।
जयंती ने सोनिया को यह पत्र पांच नवंबर, 2014 को लिखा था, जो अंग्रेजी समाचार-पत्र “द हिन्दू” में शुक्रवार को प्रकाशित हुआ है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री रहते हुए उन्होंने पार्टी लाइन के मुताबिक पर्यावरण की रक्षा से संबंधित नियमों का पालन किया और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यालय से मिलने वाले “विशेष अनुरोधों” का भी ध्यान रखा।
नटराजन ने अपने पत्र में लिखा है कि मैडम, मैं बहुत भारी मन से आपको लिख रही हूं। पिछले 11 महीने से मैं बहुत ही मानसिक पीड़ा से गुजर रही हूं और मुझ पर लगातार हमले किए जा रहे हैं, मुझे मीडिया में अपमानित किया जा रहा है और गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है और सार्वजनिक जीवन में मुझे हर तरह से अपमानित करने की कोशिश की जा रही है।
नटराजन ने लिखा कि पिछले 30 वर्षों में उन्होंने ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण के साथ पार्टी की सेवा की, लेकिन पार्टी अपने सिद्धांतों से भटक चुकी और उन्हें अपने इर्द-गिर्द वह पार्टी नजर नहीं आती, जैसी यह उनके पार्टी से जुड़ने के वक्त थी। उन्होंने लिखा कि मेरा करियर बर्बाद हो गया और सबसे बड़ी बात मेरे परिवार ने जिस सम्मान और राष्ट्रभक्ति के साथ पार्टी व देश की सेवा की, उसके तार-तार होने का खतरा है।
तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नटराजन से 20 दिसंबर, 2013 को त्यागपत्र देने के लिए कहा था। इस बारे में उन्होंने पत्र में लिखा है कि मैं ऑन रिकार्ड यह कहना चाहती हूं कि 20 दिसंबर, 2013 से अब तक आपने मुझे नहीं बताया कि मुझसे मंत्री परिषद से इस्तीफा देने को क्यों कहा गया और यदि मैंने कोई गलती की थी, तो मुझे अपनी बात कहने का मौका क्यों नहीं दिया गया?
नटराजन ने लिखा कि मनमोहन ने उनसे यह कहते हुए केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देने के लिए कहा था कि पार्टी कार्यो के लिए कांग्रेस अध्यक्ष को उनकी आवश्यकता है।
बकौल नटराजन, अगले दिन मेरा इस्तीफा मीडिया की सुर्खियों में था। सभी शुरूआती रिपोर्ट में कहा गया कि मैंने पार्टी कार्यो के लिए इस्तीफा दिया है। लेकिन दोपहर तक मुझे सूचना मिली कि राहुल गांधी के कार्यालय के पदाधिकारी इस तरह की खबरें प्रयोजित कर रहे हैं कि मेरा इस्तीफा पार्टी कार्यो के लिए नहीं था।
अपने पत्र में उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया। उन्होंने लिखा कि मुझे राहुल गांधी तथा उनके कार्यालय की तरफ से विशेष अनुरोध प्राप्त होते थे और मैंने इन “अनुरोधों” का निपटारा भी किया।
नटराजन का यह पत्र सार्वजनिक होने के बाद कांग्रेस की तमिलनाडु इकाई ने हैरानी जताई है। एक नेता ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा कि मैं “द हिन्दू” में प्रकाशित उनका पत्र पढ़ रहा हूं। यह पार्टी हाईकमान को निर्णय लेना है कि आगे क्या कार्रवाई की जाए। वहीं, एक अन्य कांग्रेस नेता ने पार्टी के लिए जमीनी पर नटराजन के योगदान को लेकर सवाल उठाए।