पटना। बिहार के मुख्यमन्त्री नीतीश कुमार की पार्टी जद (यू ) की ओर से मकर संक्रांति के मौके पर आयोजित भोज में शामिल होने के निमंत्रण को भारतीय जनता पार्टी ने स्वीकार कर लिया है जबकि राज्य के सतारूढ़ गठबन्धन के प्रमुख घटक राजद के निमंत्रण को अस्वीकार कर राजनीति को एक नया रंग दे दिया है।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव रजनीश कुमार के आवास पर शनिवार को आयोजित दही चूड़ा भोज के दौरान भाजपा नेता और पूर्व उप मुख्यमन्त्री सुशील कुमार मोदी ने सतारूढ़ जद (यू) के भोज में शामिल होने पर सहमत होते हुए कुमार ने उन्हें इसी बहाने याद करते हुए स्वयं उन्हें फोन कर बताया कि वे इसमें अवश्य आएंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों से मकर संक्रांति के भोज में आने का आम़ंत्रण नहीं मिला था, यही कारण है कि वे इस मौके पर नहीं आए। पर उन्हें अगर अगले साल बुलाया गया तो वे इसमें अवश्य ही आएंगे।
वहीं, एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यदि जद(यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह निमंत्रण वापस ले लेते हैं तो ऐसी परिस्थिति में उनके लिए इस भोज में शामिल होना सम्भव नहीं हो पाएगा। हालांकि इस बार ऐसी सम्भावनाओं को इनकार करते कहा कि पूर्व में भी निमंत्रण वापस लिया जा चुका है।
मोदी ने कहा कि यदि महागठबंधन की सहयोगी पार्टी कांग्रेस गठबंधन तोड़ने की धमकी देती है तो वैसी स्थिति में कुछ भी कहना सम्भव नहीं, पर इसकी सम्भावना भाजपा नेता ने कहा कि नगण्य ही है।
वहीं, जद(यू) नेता वशिष्ठ नारायण के आवास पर जद (यू ) के भोज में भाजपा के शामिल होने की अटकलों पर प्रतिक्रिया जताते हुए राजग की सहयोगी रालोसपा के अध्यक्ष और केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि भाजपा को सोच समझ कर जद (यू ) का निमंत्रण स्वीकार लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जद (यू) ऐसा दल है जो भोज पर लोगों को आमंत्रित कर पतल तक खींच लेती है। भाजपा को इस बात को कतई नहीं भूलना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के साथ बिहार की सत्ता में रहते हुए कुमार ने भाजपा नेताओं को दिए गए भोज को ऐन वक्त पर उनकी तस्वीर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमन्त्री नरेन्द्र मोदी के साथ अखबारों में छपने के कारण स्थगित कर दिया था।
इस बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने उनके भोज में भाजपा के नहीं शामिल होने को हल्के में लेते हुए कहा कि कोई आए या नहीं उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि भाजपा वाले लालू के सामने नहीं टिक पाते इसलिए नहीं आए।
पार्टी की तरफ से भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी को निमंत्रण दिया गया है। अपने अंदाज़ में यादव ने अपना पुराना जुमला दोहराते हुए कहा कि मोदी उनके “सेक्रेटरी” हैं इसलिए वे उन्हें बुलाए हैं।
इस बीच भाजपा नेता विनोद नारायण झा ने राजद की ओर से पार्टी को किसी भी तरह के औपचारिक निमत्रंण से इनकार करते हुए कहा कि भाजपा ने यादव के भ्रष्टाचार को उजागर किया है जिसकी वजह से राजद सुप्रीमो भयवश भाजपा को आमंत्रित नहीं करते।
जद (यू ) की ओर से भाजपा को दिए गए निमंत्रण का कड़ा संज्ञान लेते हुए बिहार के शिक्षा मंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि लालू यादव अपने बड़े दिल का परिचय देते हुए सभी को बुलाते हैं। उन्होंने कहा कि जो यादव को पसंद नहीं करते वे नहीं आते।
उन्होंने भाजपा को जद (यू) के इस निमन्त्रण पर सवाल उठाते हुए कहा कि विगत दो वर्षों से जब कोई निमंत्रण नहीं दिया जा रहा था तो अब अचानक इसकी क्या ज़रूरत आ पड़ी? जद (यू ) के भोज में शामिल होने के बारे में चौधरी ने कहा कि वे इस कार्यक्रम में शामिल होने के विषय में सोचेंगे।
इस बीच मुख्यमन्त्री नीतीश कुमार राजद सुप्रीमो की ओर से आयोजित भोज में शामिल हुए। भोज के बहाने हो रही राजनीति पर कुमार की उपस्थिति में बोलते हुए लालू यादव ने कहा कि महागठबंधन पूरी तरह ठीक है और इसमें कोई दरार नहीं है।
इस अवसर पर कुमार ने किसी भी तरह की राजनीतिक चर्चा से दूरी बनाते हुए कहा कि वे फिलहाल चुनाव पूर्व किए अपने वादों को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं और उसी के अनुरूप प्रयास भी कर रहे हैं।
राजद के भोज में बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, विधान सभा के अध्यक्ष विजय चौधरी, जद (यू) विधायक श्याम रजक समेत महागठबंधन के सभी घटक दल के कई नेता शामिल हुए।
भोज में आए लोगों के खाने और उनके स्वागत का कमान यादव और उनकी पत्नी तथा पूर्व मुख्यमन्त्री राबड़ी देवी ने खुद संभाल रखी थी। इस काम में उनके दोनों पुत्र तथा बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी और स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप अपने पिता की मदद कर रहे थे।
मकर संक्रांति के अवसर पर यादव ने दो दिनों का भोज दिया है। पहले दिन सभी कार्यकर्ताओं और आम जनता के खाने का इंतजाम था जबकि रविवार को अल्संख्यकों के लिए भोज दिया गया है।
रविवार को ही जदयू के वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास पर आयोजित भोज में भाजपा नेताओं के अलावा राजद, कांग्रेस, सीपीआइ, सीपीएम समेत सभी दलों के नेताओं और लोगों को आमंत्रित किया गया है।