पटना। बिहार में 20 महीनों तक सत्तारूढ़ रहे महागठबंधन के टूटने के बाद गठबंधन में शामिल जनता दल (युनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव की चुप्पी के बाद यह कयास लगने लगा था कि अब जनता दल (युनाइटेड) ‘युनाइटेड’ नहीं रह पाएगा।
इसके बाद यादव के बिहार में जनसंवाद कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार निशाना साधने और बगावती तेवर से जद (यू) में टूट तय माना जा रहा है। जद (यू) ने भी पार्टी विरोधी नेताओं पर कारवाई प्रारंभ कर दी है।
बिहार में जद (यू) के अंदरखाने की राजनीति शरद के बिहार दौरे के बाद सतह पर है। शरद अपने बिहार के तीन दिवसीय तूफानी दौरे के क्रम में जनादेश के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए लगातार पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं।
इधर, जद (यू) के प्रवक्ता और नेता भी शरद के खिलाफ राजनीतिक रूप से हमलावर बने हुए हैं। ऐसे में पार्टी में बने दो धड़ों के बीच बयानबाजी का दौर चल रहा है। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने भी शरद को जद (यू) का असली संस्थापक बताते हुए इस टूट को हवा दे दिया है।
ऐसे देखा भी जाए तो शरद के जनसंवाद कार्यक्रम में राजद के कार्यकर्ता बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। शरद भी जद (यू) में टूट को इशारों ही इशारों में स्वीकार करते हुए कहते हैं कि एक सरकारी जनता दल है, जिसे नीतीश कुमार चला रहा हैं और एक मैं जनता दल (युनाइटेड) में हूं, जिसके साथ बिहार की जनता है।
नीतीश ने भी शुक्रवार को दिल्ली में कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। पार्टी ने आम सहमति से बिहार में भाजपा के साथ जाने का फैसला किया। वह (शरद यादव) अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र हैं।
इन बयानों के बाद स्पष्ट है कि जद (यू) में अब टूट तय है। जद (यू) ने शुक्रवार को राज्यसभा सदस्य अली अनवर को संसददीय दल से निलंबित कर दिया है। पार्टी के वरिष्ठ महासचिव क़े सी़ त्यागी ने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग से जद (यू) द्वारा अपने रिश्ते खत्म करने के बावजूद विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए अली अनवर को संसदीय दल से निलंबित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि महागठबंधन टूटने के बाद भाजपा के साथ सरकार बनाने का विरोध सबसे पहले अली अनवर ने ही किया था।
जद (यू) ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 19 अगस्त को पटना में बुलाई है। पार्टी के एक नेता ने बताया कि इस बैठक में शरद यादव को भी भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। त्यागी भी कहते हैं कि शरद को 19 तारीख तक संयम बरतना चाहिए और मर्यादा में रहना चाहिए। शरद जिस रास्ते पर चले हैं, उस अंधेरी राह में उन्हें लालटेन का साथ मिला हुआ है।” त्यागी का इशारा लालू के राजद की ओर था।
जद (यू) प्रवक्ता अजय आलोक कहते हैं कि शरद यादव अपने बेटे को राजनीति में ‘लांच’ करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद, शरद यादव के पुत्र शांतनु को मधेपुरा से लोकसभा चुनाव में टिकट देंगे। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद के भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाने की स्थिति में शरद राजद और लालू के पुत्रों के राजनीतिक अभिभावक के रूप में कार्य करेंगे।
इस स्थिति में यह तय माना जा रहा है कि नीतीश और शरद में अब दूरी काफी बढ़ गई है, जो कभी भी पार्टी के टूट के नतीजे के रूप में सामने आ सकती है।