पटना। जनता दल युनाइटेड के बागी नेता शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता खत्म होने पर पार्टी ने जहां तंज कसा है, वहीं राष्ट्रीय जनता दल शरद के साथ नजर आ रही है। राजद का मानना है कि शरद का कद इतना बड़ा है कि वह किसी पद के मोहताज नहीं हैं। उनकी पहचान उनकी सिद्धांत और उनकी विचारधारा रही है।
राजद के प्रवक्ता मृत्यंजुय तिवारी ने राज्यसभा सचिवालय के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि शरद ने जिन लोगों को राजनीति में चलना सिखाया, वही लोग उनकी सदस्यता समाप्त करने में लगे रहे। उन्होंने जद (यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे इससे पहले जॉर्ज फर्नांडिस के साथ भी ऐसा ही व्यवहार कर चुके हैं।
इधर, जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने मंगलवार को शरद यादव को नसीहत देते हुए कहा कि अब केवल राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद ‘जिंदाबाद’ कहने से काम नहीं चलेगा अब लालू के पुत्र तेजस्वी, तेजप्रताप और राबड़ी देवी का भी गुणगान करना होगा।
उन्होंने कहा कि शरद और अली अनवर ने जब राजनीति में भ्रष्टाचार और परिवारवाद के परिचायक लालू प्रसाद ‘जिंदाबाद’ का नारा लगाया था, तब जद (यू) ने राज्यसभा सचिवालय में उनकी सदस्यता समाप्त करने के लिए आवेदन दिया था। इस निर्णय का जद (यू) स्वागत करता है, इससे राजनीति में शुचिता का संदेश गया है।
उन्होंने कहा कि इस निर्णय से दलबदल कानून की रक्षा हुई है। नीरज ने शरद यादव पर कटाक्ष करते हुए उन्हें सलाह दी, “शरद जी, अब राजनीति धर्नाजन का माध्यम है, यह सिद्धांत के रूप में अपने जीवन में प्रतिपादित कीजिए, अब केवल यही रास्ता बचा है।
उल्लेखनीय है कि जद (यू) के बागी सांसद शरद यादव और अली अनवर को सोमवार को राज्यसभा से अयोग्य करार दिया गया। उनकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई। राज्यसभा में जद (यू) के नेता आरसी़पी़ सिंह की याचिका पर यह फैसला किया गया।
नीतीश कुमार के भाजपा से हाथ मिलाने के बाद से ये दोनों नेता नाराज चल रहे थे और पार्टी से बगावत कर दी थी।
शरद यादव और अली अनवर ने बिहार के महागठबंधन टूटने के बाद विपक्ष का साथ दिया था। शरद यादव को राज्यसभा में पिछले साल ही चुना गया था और उनका कार्यकाल 2022 तक था, जबकि अली अनवर का कार्यकाल 2018 में समाप्त होने वाला था।
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