नई दिल्ली। जनता दल (युनाइटेड) की केरल इकाई के अध्यक्ष एमपी वीरेंद्र कुमार ने बुधवार को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। वीरेंद्र कुमार (80) ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
नेता ने कहा कि मैंने नियमानुसार इस्तीफा दिया है। मैं नीतीश कुमार (बिहार के मुख्यमंत्री) की पार्टी का नेता हूं और मुझे उनके साथ होना चाहिए था, लेकिन अब जब वह संघ परिवार के एंजेडे के पीछे चल पड़े हैं तो मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता हूं।
उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि मुझे पिछले साल यह सीट मिली थी, जब मैं केरल में सोशलिस्ट जनता डेमोक्रेटिक (एसजेडी) पार्टी का हिस्सा था, जो कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ का हिस्सा थी। मेरे निर्वाचन के बाद एसजेडी का जद(यू) में विलय हो गया।
भाजपा के साथ नीतीश के गठबंधन पर उन्होंने कहा कि मैं नीतीश कुमार के साथ जुड़ने के आरोपों को लेकर यूडीएफ पर बोझ नहीं बनना चाहता। इसके अलावा मैंने चुनाव आयोग और राज्यसभा के नियमों की जानकारी ली और मुझे पता चला कि कानूनी तौर और तकनीकी तौर पर मैं नीतीश कुमार की पार्टी से अलग होकर राज्यसभा का सदस्य नहीं रह सकता हूं, इसलिए मैंने यह कदम उठाया।
भविष्य के बारे में वीरेंद्र कुमार ने कहा कि मौजूदा समय में उनकी चिंता यह है कि उनके पास कोई पार्टी नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने शरद यादव से बात की और उन्होंने भी एक पार्टी की जरूरत पर चर्चा की। एक बार केरल पहुंचने के बाद मैं लोगों के साथ बैठूंगा और योजना बनाऊंगा कि क्या हो सकता है।