नई दिल्ली। गैर-चांदी के आभूषण पर उत्पाद शुल्क हटाने की मांग का समर्थन करते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा है कि आभूषणों पर उत्पाद शुल्क लगाने का कोई आर्थिक आधार नहीं है इसलिए इसे ईपीएफ कर की तरह वापस ले लेना चाहिए।
स्वामी ने मंगलवार को आभूषणों पर उत्पाद शुल्क लगाने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुझे भी लगता है कि यह बहुत गलत है क्योंकि अगर सरकार 200 या 300 करोड़ रूपए का राजस्व चाहती है तो इसके लिए वैट जैसे अन्य तरीके भी हैं, जिससे आम जनता पर बोझ भी नहीं पड़ेगा और त्योहारी सीजन के दौरान आभूषण खरीदने से उन्हें हतोत्साहित भी नहीं करेगा।
भाजपा नेता ने कहा कि सरकार बेवजह ऐसी स्थिति उत्पन्न कर रही है, जहां जौहरियों को विभिन्न कर वसूलने वाले लोगों द्वारा प्रताड़ित किया जाएगा। मैं इसके खिलाफ हूं। मैंने पार्टी की सूत्रों के माध्यम से सरकार को यह साफ कर दिया है कि इस प्रस्ताव को वापस ले लिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से एक बड़ा कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईपीएफ कर को वापस लिया उसी प्रकार उन्हे गैर-चांदी के आभूषण पर उत्पाद शुल्क लगाने के प्रस्ताव को भी वापस ले लेना चाहिए। किसी भी काम के लिए इसका कोई आर्थिक आधार नहीं है। इससे जौहरियों की पीड़ा बढ़ेगी और कुछ नहीं।
जानकारी हो कि गैर-चांदी के आभूषण पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क वापस लेने की मांग करते हुए आभूषण निर्माताओं एवं सर्राफा व्यापारियों का एक बड़ा वर्ग एक महीने से अधिक समय से हड़ताल पर है। केंद्र सरकार ने जौहरियों की मांगों को देखते हुए एक पैनल का गठन किया है।