झांसी। करीब डेढ़ साल पहले रहस्यपूर्ण ढंग से गायब हुआ मासूम कुक्की गुरुवार को अचानक अपने मकान के समीप प्रकट हो गया। कुक्की की वापसी पुलिस और जांच टीम के लिए पहेली बनी हुई है।
सीपरी बाजार स्थित प्रेमगंज निवासी परमजीत की पत्नी रोज की तरह अपने घर के दरवाजे की ओर टकटकी लगाये हुए बैठी हुई थी कि तभी देखा कि उसका डेढ़ वर्ष पूर्व गायब लगभग 9 वर्षीय बेटा परमजोत सिंह उर्फ कुक्की खड़ा हुआ है। वह हक्की-बक्की रह गई।
कुक्की ने आवाज लगाई मां। यह सुनते ही परमजीत की मां और घर के अन्य सदस्य दौड़ पड़े। कुक्की दौड़कर आया और अपनी मां के गले लग गया।
डेढ़ वर्ष बाद घर वापस आए कुक्की ने बताया कि उसे संतोष नाम के अंकल ले गए थे। उसे अपहरण कर एक ऐसे मकान में ले जाया गया था जहां दो पेड़ लगे थे। उसने यह भी बताया कि वहां हनुमान जी का एक मंदिर था।
कुक्की को जहां रखा गया था उस घर में उसके हमउम्र दो बच्चे और भी थे जिनका नाम यश व चेतन था। उसने यह भी बताया कि एक आंटी के बार-बार कहने पर उसे वही अंकल वापस उसकी गली में जैन डेरी के पास छोड़ कर भाग गए। वह यहां तक कब और कैसे आया यह भी उसे नहीं पता। उसे वहां बेहोश करके लाया गया था।
कुक्की जो भाषा बोल रहा है विशेषज्ञों की मानें तो उसमें राजस्थानी भाषा का मिश्रण है। जिससे कम से कम एक बात तो स्पष्ट हो रही है कि उसे जहां रखा गया वह स्थान कहीं राजस्थान क्षेत्र में ही रहा होगा लेकिन कहां यह पुलिस के लिए पहेली है।
चर्चा हैं कि इतने दिनों तक कुक्की को संभालकर रखने वाले उसके कोई खास या पहचान वाले हो सकते हैं। जिन्होंने कुक्की के परिजनों से बदला लेने के लिए या फिर किसी अन्य कारण से उसका अपहरण किया हो।
चर्चाएं तो यह भी हैं कि फिरौती की रकम देने के बाद ही उसको वापस छोड़ा गया है। फिलहाल कुछ भी हो पुलिस मामले की पूंछतांछ में जुटी हुई है।
कुक्की के परिजनों के अनुसार 13 मई 2015 को वह पार्क में खेल रहा था। इसी दौरान कुक्की का अपहरण हो गया था। मामला दर्ज हुआ, धरने हुए,प्रदर्शन हुए किन्तु सब व्यर्थ। पुलिस के लिए पहेली बनी कुक्की की वापसी के बाद पुलिस नीद से जाग गई है।
पुलिस अब कुक्की से पूछतांछ में जुट गई है। हालांकि उससे कुछ भी पूछ पाना इतना सरल नहीं लग रहा। एक तो वह इतने दिनों बाद वापस लौटा तो वह नर्वस है और दूसरा उसे कुछ खास याद भी नहीं।पुलिस उस पल के इंतजार मेें है जब कुक्की को कुछ याद आ जाए।