Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
coal mining accident in Jharkhand : 33 miners buried alive
Home Breaking झारखण्ड : ईसीएल कोयला खदान धंसी, 33 मजदूर जिन्दा दफ़न

झारखण्ड : ईसीएल कोयला खदान धंसी, 33 मजदूर जिन्दा दफ़न

0
झारखण्ड : ईसीएल कोयला खदान धंसी, 33 मजदूर जिन्दा दफ़न
coal mining accident in Jharkhand : 33 miners buried alive
coal mining accident in Jharkhand : 33 miners buried alive
coal mining accident in Jharkhand : 33 miners buried alive

रांची। झारखण्ड के गोड्डा जिले में गुरुवार की शाम एक बड़ा हादसा हो गया। राजमहल परियोजना के ललमटिया में शाम करीब 8 बजे ईसीएल कोयला खदान की जमीन धंस गई। दुर्घटना के वक्त वहां काम कर रहे कम से कम 33 लोग जिन्दा दफ़न हो गए।

इस हादसे में तकरीबन 40 वाहन भी दब गए जिनमें हाईवा, पेलोडर और डम्पर आदि हैं। राहत एवं बचाव कार्य जारी है लेकिन मृतकों और घायलों के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। रात होने के कारण बचाव कार्य में भी बाधा आ रही है।

अपुष्ट सूत्रों के अनुसार जमीन धंसने से दबे लोगों के जिन्दा बचने की उम्मीद कम है। सूचना मिलने के बाद जिला उपायुक्त अरविन्द कुमार दुर्घटना स्थल के लिए रवाना हो गए हैं। कुछ घायलों को गोड्डा हॉस्पिटल लाया गया है। मृतकों के बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।

दुर्घटना स्थल वाली साईट पर महालक्ष्मी कंपनी का कार्य चल रहा था। करीब छह माह पहले इसी खदान में एक ड्रिल मशीन डूब गई थी। अब इस घटना ने सबको झकझोर दिया है। दुर्घटना के बाद से वहां के मजदूरों में तीखा आक्रोश है।

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने खदान दुर्घटना पर दुःख जताया है। उन्होंने उपायुक्त से फोन पर बात कर राहत और बचाव कार्य तेज़ी से चलाने के निर्देश दिए। साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को घटना स्थल पर मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री स्वयं मामले पर नज़र बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को भी राहत व बचाव कार्य को लेकर आवश्यक निर्देश दिए हैं।

रेस्क्यू कार्य को लेकर प्रशासन तत्पर

राजमहल परियोजना के खदान क्षेत्र में गुरुवार को शाम 7:30 बजे हुए भीषण स्लाइडिंग की घटना में दो दर्जन से ज्यादा लोगों के मरने की आशंका है। घटना की गंभीरता को देखते हुए गोड्डा के उपायुक्त अरविंद कुमार एसडीपीओ महागामा राजा मित्रा, एसडीओ संजय पांडेय, सीआईएसएफ के सहायक समादेष्टा प्रदीप मोर एवं राजमहल परियोजना के अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं।

मामले को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी जिलाधिकारी को त्वरित राहत के लिए पहल करने के आदेश दिए हैं। अब तक खदान में बिजली की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण रेस्क्यू कार्य में काफी कठिनाई आ रही है। यदि जल्द ही हालात में सुधार नहीं हुआ तो मलबे में दबे ज्यादातर लोगों के मरने की संभावना है। करीब 50 से 60 लोग मलबे में फंसे हुए हैं।

बतादें कि कुहासे के कारण एनडीआरएफ की टीम भी अभी मौके पर नहीं पहुँच सकी है। ज्ञात हो कि उक्त खन्ना स्थल पर गत दिनों ईस्टर्न कोलफील्ड के सीएमडी राजीव रंजन मिश्रा ने दौरा कर खदान में खुदाई के लिए मना किया था एवं अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए थे। इसके बावजूद राजमहल परियोजना प्रबंधन ने संबंधित कंपनी को कोई ठोस निर्देश नहीं दिए।

इसके पूर्व भी परियोजना के खान क्षेत्र में तीन वर्ष पहले सौम्या कंपनी के साइट पर भीषण भूस्खलन हुआ था, जिसमें कई मशीनें दब गई थी एवं 2 लोग मारे गए थे। उस घटना से भी परियोजना प्रबंधन में कोई ठोस सबक नहीं लिया।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घटनास्थल पर 23 डंफर एवं अन्य गाड़ियां उसके चालक, साइट इंचार्ज, हेल्पर आदि के दबे होने की आशंका है। घटना में मारे जाने वाले लोगों में कई लोग मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार एवं झारखंड के बताए जा रहे हैं।