रांची। महज १५ साल की बाली उम्र में नक्सलियों की महिला विंग में शामिल हुई लड़की बाद में पुरुष लीडर की हवस मिटाने का जरिया बन गई। यह खुलासा तब हुआ जब पीड़ित लड़की ने पुलिस के सामने गुरुवार को आत्मसमर्पण करा और अपनी आप बीती सुनाई। पीड़ित लड़की ने बताया कि माओवादी कुंदन पाहन ने उसके साथ कई बार रेप किया।…
पुलिस रिकार्ड के अनुसार यह नामकुम की रहने वाली यह लड़की पुलिस की माओवादियों के साथ तीन बार हुई मुठभेड़ और बम बनाने के एक मामले में नामजद हुई। खुद पीड़ित लड़की ने कबूला कि वह पाहन के गिरोह में शामिल थी तथा पश्चिम सिंहभूम के सारंडा के जंगलों और खूंटी जिले अड़की के इलाकों में उसे तैनात किया गया था। इस दौरान अड़की कैंप में पाहन उसका यौन शोषण करता रहा।
पीड़िता का कहना है कि वह पहले किशन दा के लिए भोजन बनाने और भारवाहक का काम करती थी। इसके बाद कुंदन पाहन के गिरोह में यही काम करने लगी। इसी बीच पाहन उस पर गंदी नजर रखने लगा। फिर उसके यौन शोषण का सिलसिला शुरू हो गया। कुंदन धमकी देता था कि अगर यह बात किसी को बताई तो वह मेरी मां और भाई की हत्या कर देगा।
गरुवरी ने पत्रकारों से बताया कि वह किशन दा के लिए खाना बनाने व भार वाहक का काम करती थी. जब वह कुंदन पाहन के दस्ते में आयी, तो अड़की कैंप में कुंदन उसका यौन शोषण करता था. उसने धमकी भी दी थी कि यौन शोषण की बात किसी से कहने पर वह उसकी मां और भाई की हत्या कर देगा। जब उसका सब्र टूट गया तो उसने अपने प्रेमी गुलशन को कुंदन की इन सब गंदी हरकतों की जानकारी दी।
गुलशन ने इस बारे में अनलजी को शिकायत की। एक मीटिंग के दौरान कुंदन पर इस मामले सच्चाई जानने के लिए दबाव बनाया गया तो वह अपने सहयोगी चंदन, प्रमीला, निक्की, सुनीता, अजरून के साथ वहां से भाग गया। पीड़ित लड़की ने बताया कि बीते साल वह उस गिरोह के चंगुल से बचकर निकल भागी तथा जान बचाने के लिए छिपती रही। मौका मिलते ही उसने आत्मसमर्पण कर दिया।
मालूम हो कि कुंदन पाहन वही शख्स है जिसे कुछ साल पहले पुलिस की स्पेशल ब्रांच के अफसर फ्रांसिस इंदवार की गला रेतकर हत्या करने के बाद माओवादियों ने खूंटी इलाके का कमांडर बना दिया था।