सिमडेगा। झारखंड में एक गरीब मां ने आरोप लगाया है कि राशन कार्ड और आधार लिंक नहीं था, इसलिए उसे पीडीएस कोटे से अनाज नहीं दिया गया। नतीजतन भूख से उसकी 11 साल की बच्ची संतोषी की मौत हो गई।
मंगलवार को यहां आए सीएम रघुवर दास ने इस मामले में 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। सिमडेगा डीसी मंजूनाथ भजंत्री को परिवार को 50 हजार रुपए की मदद देने का निर्देश दिया है। बच्ची की मौत हो जाने के बाद अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। मीडिया में आ रही बच्ची की मौत की खबरों पर डीसी से सीएम ने सवाल किया।
इस पर डिप्टी कमिश्नर मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि बच्ची की मौत मलेरिया से हुई है। तीन सदस्यीय कमेटी से मामले की जांच कराई जा रही है। सीएम ने दोबारा जांच के आदेश दिए और कहा है कि 24 घंटे के अंदर इसकी रिपोर्ट दी जाए।
क्या है मामला
सिमडेगा जिले के जलडेगा प्रखंड स्थित पतिअंबा पंचायत के कारीमाटी गांव के पिछड़े समुदाय से आने वाली कोयली देवी ने बताया कि उसकी बेटी ने 4 दिन से कुछ भी नहीं खाया था। घर में मिट्टी का चूल्हा था, लकड़ियां थीं, लेकिन बनाने के लिए राशन नहीं था। 28 सितम्बर की दोपहर भूख की वजह से संतोषी के पेट में तेज दर्द होने लगा।
उसे गांव के ही वैद्य को दिखाया था। संतोषी ने कहा था कि भूख लगी है, कुछ खा लूंगी तो पेट दर्द ठीक हो जायेगा। कोयली देवी ने कहा कि रात करीब 10 बजे बेटी भात-भात कहकर रोने लगी। उसके हाथ-पैर अकड़ गए थे। उसके बाद मैंने चाय पत्ती और नमक मिलाकर काढ़ा बनाया और बेटी को पिलाना चाहा, लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं।
बच्ची की मां का आरोप है कि गांव के डीलर ने पिछले आठ महीने से उसे राशन देना बंद कर दिया था, क्योंकि उसका राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं हो पाया था। संतोषी के पिता लाचार और बीमार हैं। उसकी मां कोयली देवी दातून बेचकर परिवार चलाती है।
इधर, इलाके के सामाजिक संगठन डीसी के दावे को सिरे से नकार रहे हैं। उनके मुताबिक, 27 सितम्बर को संतोषी को बुखार था ही नहीं, फिर उसे मलेरिया कैसे हो सकता है। उनका कहना है कि कोयली देवी ने डीसी से राशन न मिलने की शिकायत 21 अगस्त और 25 सितम्बर को की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।