रांची। महज 19 साल की यह युवा सुंदरी किसी परिचय की मोहताज नहीं है। थाईलैंड में आयोजित मिस टीन इंटरनेशनल प्रतियोगिता जीतने के बाद उसने हजारीबाग का नाम वैश्विक मानचित्र पर स्थापित कर दिया है। सौन्दर्य की यह मल्लिका और कोई नहीं झारखंड की बेटी स्टेफी पटेल है।
स्टेफी ने बताया कि जब वह थाईलैंड से मिस टीन इंटरनेशनल बनकर हजारीबाग लौटीं तो उनके स्कूल के प्रिंसिपल अशोक सर ने उनसे कहा कि स्टेफी तुमने तो हमारी थिंकिंग चेंज कर दी। प्रिंसिपल सर की यह बात सुनना मेरे लिए बेहद सुखद अनुभव था।
दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी से स्नातक कर रहीं स्टेफी ने बताया कि थाईलैंड प्रतियोगिता की दस से 12 दिनों की ट्रिप उनके जीवन के व्यस्ततम दिनों में से एक रहें। इन दिनों वह सिर्फ हर दिन एक घंटे ही सो पाती थीं। उसका सारा दिन प्रतियोगिता की तैयारी में बीतता था। उन्होंने प्रतियोगिता के दौरान हुए इंटरव्यू की बात साझा करते हुए कहा कि मेरा इंटरव्यू 10 से 12 इंटरनेशनल जजों की एक टीम ने लिया।
इंटरव्यू में मुझसे पूछा गया कि अगर आपको रैंप पर चलने का चांस मिले तो आप कौन सा कॉस्टयूम पहनना चाहेंगी। मैंने जजेस को कहा कि मैं कंप्लीट ब्राइडल लहंगा पहनकर रैंप पर चलना चाहूंगी।
स्टेफी ने बताया कि उनकी तमन्ना कंप्यूटर इंजीनियर बनने की थी। लेकिन सौन्दर्य प्रतियोगिताओं तथा एड फिल्मों की शूटिंग की व्यस्तताओं के कारण मैंने इंजीनियरिंग छोड़कर अंग्रेजी साहित्य लिया। उन्होंने बताया कि उनकी फैशन इंडस्ट्री में इंट्री ब्यूटी फेस ऑफ द मंथ से बनी जिसे एले क्लब ने आयोजित किया था।
इसके बाद वह नई दिल्ली में आयोजित मिस टीन इंडिया चुनी गईं। मुझे फेमिना मिस इंडिया कैंपस प्रिंसेस भी चुना गया। इसके बाद मैं हाल ही में फाइनली थाईलैंड में आयोजित मिस टीन इंडिया इंटरनेशनल चुनी गई।
इस प्रतियोगिता का आयोजन बिग ब्रेक इंटरटेनमेंट ने किया था। इस प्रतियोगिता ने मुझे अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिलाई। स्टेफी ने बताया कि लड़कियां चाहे जिस किसी फील्ड में जाना चाहती हैं वो जाएं लेकिन वे अपनी पढ़ाई जरुर पूरी करें। कम से कम ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई तो मस्ट है।
पढ़ाई के दौरान आप अपने शौक को भी जगाएं रखें ताकि जैसे ही आपको मौका मिले, आप अपना टैलेंट साबित कर सकें। क्योंकि बिना एजुकेशन के कुछ नहीं किया जा सकता।
उन्होंने बताया कि यह सफलता हासिल करने के लिए उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। दिल्ली में तो उन्हें कई कमेंटस भी सुनने पड़े कि हजारीबाग से आई है। झारखंड से आई है, यह फील्ड इसके लिए नहीं है।
पर मैंने इन सबको नजरअंदाज कर दिया। अब तो मैं यह मानने लगी हूं कि अगर आपको मंजिल तक का सफर तय करना है तो आलोचनाएं सुनने की तो आदत डालनी होगी लेकिन खुद को हतोत्साहित होने से बचाना होगा।
उन्होंने बताया कि बचपन से ही उनकी डांस में रुचि रही है। डिबेट कंपीटिशन में भी वह हिस्सा लेती रही हैं। उन्होंने बताया कि लड़कियों को अगर कुछ करना है तो उन्हें कड़ी मेहनत तो करनी ही होगी अपने अंदर की झिझक को भी कम करना होगा।
प्रतियोगिता जीतने के बाद वह कैसा फील कर रही हैं। इस सवाल के जवाब में स्टेफी ने बताया कि ऐसा लग रहा है कि सपना जैसे सच हो गया है। हजारीबाग में तो मुझे लोगों का जबर्दस्त प्यार और सम्मान मिल रहा है।
गौरतलब है कि 25 जुलाई को थाईलैंड में आयोजित मिस टीन इंटरनेशनल प्रतियोगिता में 60 देशों की सुंदरियों ने हिस्सा लिया, जिनमें स्टेफी का चयन किया गया। प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए वह 20 जुलाई को वह दिल्ली से थाइलैंड के लिए रवाना हुई थी।
वह सावधान इंडिया समेत कई टीवी सीरियल में भी वह काम कर चुकी है। स्टेफी के पिता अमरेंद्र कुमार माइनिंग इंजीनियर हैं वहीं मां माधुरी सिन्हा ब्यूटी पार्लर चलाती हैं।
स्टेफी हजारीबाग में विलुप्त होती बिरहोर जातियों को बचाने की दिशा में भी काम कर रही हैं। स्टेफी ने अपनी स्कूली शिक्षा डीएवी हजारीबाग से पूरी की है। उनका सपना बॉलीवुड में भी मुकाम बनाने का है।