कानपुर। केन्द्र सरकार जहां बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं की योजना चलाकर बेटियों को आगे बढ़ने का अवसर दे रही है। तो वहीं शहर में दो युवकों ने एक बेटी की मजबूरी का फायदा उठाकर दो वर्षों तक बंधुआ मजदूरी करवाई और उसका शारीरिक शोषण किया। किशोरी ने किसी तरह उनके चंगुल से बचकर पुलिस को पूरी व्यथा बताई।
झारखण्ड की रहने वाली प्रीती (काल्पनिक नाम) पांच बहनों में सबसे बड़ी है। उसने बताया कि अधिक खेती न होने पर परिवार की माली हालत भी ठीक नहीं थी। पिता का हाथ बंटाने के लिए बेटी नौकरी की तलाश करने लगी।
इस पर पड़ोसी राजेश विनोद मिले और कानपुर में अच्छी नौकरी दिलवाने की बात कहकर उसे अपने साथ ले आए। आरोप है कि उन युवकों ने उसे कल्यानपुर के व्यापारी अरुण चावला के हाथ बेच दिया। व्यापारी ने खरीदने के बाद बेटी को बंधवा मजदूर बना लिया।
आरोप है कि दो साल से व्यापारी के घर बंधूआ मजदूरी कर रही है तो वहीं उनका बेटा सार्थक उसके साथ शारीरिक उत्पीड़न करता रहा। शनिवार की दोपहर घर में कोई न होने पर पीड़िता व्यापारी के घर से भागकर क्षेत्र के ही मन्दिर के पास जाकर रोने लगी।
बेटी को रोता देखकर श्रद्धालुओं ने उससे रोने का कारण पूछा तो फफक पड़ी और अपने ऊपर हुए उत्पीड़न की बात कहीं। पीड़िता को लेकर राहगीर काकादेव थाने लेकर पहुंचे।
पीड़िता ने अपनी आपबीती इंस्पेक्टर के सामने बयां की। इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह का कहना है कि पीड़िता के बयान पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर तलाश की जा रही है।