झुंझुनू। ऊंट गाड़ी चालक मजदूर की मौत ऊंट के बिदकने से गाड़ी के नीचे दब गया। उपचार के दौरान एसएमएस अस्पताल जयपुर में रविवार को दम तोड़ दिया।
जानकरी के अनुसार सहड़ का बास गांव का मजदूर 48 वर्षीय रघुवीर मेघवाल की मौत रविवार को हो गई। परिजनों के अनुसार मृतक शुक्रवार को धरसू नारनौल के पशु मेले से ऊंट खरीदकर घर लौट रहा था। पचेरी गढ़ के पास अचानक ऊंटगाड़ी पलटने मजदूर की गर्दन टूट गई व बेचारे मजदूर का एकमात्र सहारा साधन ऊंटगाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो गई।
रविवार को मृतक मजदूर का शव जयपुर से गांव सहड़ का बास पहुंचा तो गांव में शोकाकुल माहौल में उनकी सात बेटियों के विलाप को देखकर हर आंख में आंसू टपकने लगा।
फुटकर मजदूरी कर एक बेटा और सात बेटियों तथा दो नातियों का पालन पोषण करने वाले रघुवीर की मौत हो जाने से गरीबी का दंश झेल रहे परिवार के आगे पालन पोषण की परेशानी आ गईहैं।एक तरफ तो पेट भरने के लिए लाले पड़े हुए थे। वहीं परिवार के मुखिया का इलाज करवाने के लिए उधार ली मोटी रकम से परिवार कर्ज से दब गया है।
पहले भी मृतक मजदूर चार बेटियों की शादी करने के बाद बड़ी दो बेटियों को दहेज के लालचियों ने घर से मारपीट कर निकाल दिया तो बेचारे मृतक रघुवीर पर दो नातियों का भार भी उसी पर आ पड़ा।कोर्टमें चले सालों मुकदमे हुआ।
कर्जा एवं दोनों नातियों की जिम्मवारी भी मजदूर पर आ पड़ी। कर्ज से दबे परिवार के कमाने वाले इकलौता मुखिया की मौत के बाद महज पंद्रह साल के बेटे लाकेश कर्ज में डूबे परिवार का बोझ आ गया हैं।11वीं में पढऩे वाले बालक पर बहनों की शादी करने की जिम्मेदारी और परिवार की पेट भरने की जिम्मेदार बेचारे लोकेश को बाल मजदूरी करने के लिए विवश न कर दें।
घटना के दौरान जख्मी हुए मजदूर रघुवीर का इलाज जयपुर में चल रहा था।घर में अनाज भी शायद नहीं होगा। इधर मृतक का शव गांव पहुंचा और उधर मृतक की बेटी अन्नू राशन विक्रेता से राशन का अनाज लेने राशन की दुकान पर गईहुईथी।राशन के गेंहू नहीं मिलने पर निराश होकर घर लौट रही थी तो घर में अनेकों व्यक्तियों की भीड़ को देखकर समझी बेटी ने भी रोना शुरूकर दिया।