झुंझुनू। पांच दिन पहले एक नाबालिग दलित छात्रा के साथ दिल्ली के निर्भया जैसा कांड हुआ था। यानि कि चलती गाड़ी में पांच जनों ने रेप किया और बाद में छोडक़र भाग गए। घटना के बाद बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने प्रसंज्ञान लिया और मामले की जानकारी ली।
कांग्रेस नेता भी नियमित परिवार को सहायता-सुरक्षा देने का आश्वासन दे रहे हैं। बसपा प्रदेश अध्यक्ष सुरमतसिंह ने भी पीडि़ता गांव पहुंचकर उसकी सुध ली। लेकिन अचरज की बात यह है कि मामला दर्ज हुए चार दिन हो गए।
इसके बाद सभी पहुंचे और सभी ने मामले में प्रसंज्ञान लिया। लेकिन अनुसूचित आयोग ने ना तो मामले में अभी तक कोई दिलचस्पी दिखाई और ना ही इस दलित परिवार के आंसू पोंछे है। वो भी तब जब मामला एससी कमिशन के चेयरमैन विधायक सुंदरलाल के खुद की गृह विधानसभा का है।
पीडि़ता बुडानिया गांव की है। जो पिलानी विधानसभा में आता है और यहां से विधायक काका सुंदरलाल है जो खुद प्रदेश में केबिनेट मंत्री का दर्जा रखते है और अजा आयोग के अध्यक्ष भी है। ऐसा नहीं की अजा आयोग के अध्यक्ष प्रदेश या फिर देश से बाहर है।
वे अपने चिड़ावा स्थित आवास पर है और कुछ किमी. दूरी पर स्थित गांव भी जाकर नहीं देख सकते हैं। जो अब राजनैतिक मुद्दा बन गया है और कांग्रेस नेता व चिड़ावा के उप प्रधान रणधीर मेघवाल ने इस पर चिंता जताई है।
उधर, मामले को लेकर बसपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरमतसिंह ने एसपी एसके गुप्ता से उनके घर पर मुलाकात की परिवार को सहायता देने की मांग की है। क्योंकि दो दिनों से पीडि़ता की छोटी बहन दबंगों की धमकी के कारण स्कूल नहीं जा पा रही है और दबंगों ने पीडि़ता के पिता को भी धमकी दी है कि यदि मामले को वापिस नहीं लिया जाता हैतो उनके घर आने-जाने का रास्ता बंद कर दिया जाएगा। जिसके बाद परिवार सहमा हुआ है।
उधर, पुलिस ने मामले में दो जनों को गिरफ्तार कर लिया है। जिनमें से एक को कोर्टने रिमांड पर भेज दिया है। वहीं दूसरे बाल अपचारी को बाल सुधार गृह भेज दिया हैं। परिवार को मिल रही धमकियों के बारे में पुलिस कहना है कि परिवार को मांगने पर पूरी सुरक्षा दी जाएगी। साथ ही शेष आरोपियों की तलाश की जा रही हैं।