मुंबई। विशेष महिला अदालत की न्यायाधीश ए एस शेंडे ने 32 वर्षीय एक व्यक्ति को 12 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने और उसे गर्भवती करने के मामले में 10 वर्ष की सजा सुनाई। आरोपी वसीम शेख पीडिता का जीजा है।
आरोपी को भारतीय दंडसंहिता की धारा 376 के तहत 10 साल की सजा सुनाई गई और 10,000 रूपए का जुर्माना लगाया गया है। पीडिता लड़की पश्चिमी उपनगर अंधेरी के वर्सोवा के एक हास्टल में रहती थी और अक्सर अपनी बहन और जीजा के घर चली जाती थी। इसी दौरान आरोपी ने नाबालिग लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाए और लड़की को गर्भवती कर दिया।
लड़की के गर्भवती होने के कारण उसे हास्टल से निकाल दिया गया। पीडिता की मां घरों में नौकरानी का काम करती है उसे बाद में पता चला कि उसकी बेटी गर्भवती है। लड़की की मां उसे गर्भपात कराने के लिए अस्पताल ले गई लेकिन डाक्टरों ने अधिक दिन होने के कारण गर्भपात करने से मना कर दिया और बाद में लड़की ने नायर अस्पताल में 13 साल की उम्र में एक बच्चे को जन्म दिया।
इसके बावजूद लड़की ने बच्चे के पिता के नाम का खुलासा नहीं किया और अपनी मां को अलग-अलग कहानियां बताती रही। यह मामला जनवरी 2013 में उस समय प्रकाश में आया जब आरोपी पीडिता लड़की के साथ भाग गया। इसके बाद पीडिता की मां को शंका हुई कि बच्चे का पिता उसका दामाद हो सकता है।
पीडिता की मां ने वर्सोवा पुलिस स्टेशन में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई और पुलिस ने दोनों को सितंबर 2013 में गिरफ्तार कर लिया। दोनों पति पत्नी की तरह शहर में रह रहे थे। अदालत में सुनवाई के दौरान पीडिता लड़की का जन्म प्रमाण पत्रपेश किया गया जिससे लड़की की उम्र का सही पता चला।
सरकारी वकील कल्पना हिरे ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि जब आरोपी ने लड़की के साथ शारीरिक संबंध स्थापित किया उस समय लड़की 12 साल की थी। उस समय लड़की नाबालिग थी इसलिए आरोपी बलात्कार का दोषी है।