नई दिल्ली। बिहार में चुनावों से पहले वोटरों की खरीद फरोख्त का सिलसिला शुरू हो गया है। बिहार में एक सनसनीखेज घटनाक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे प्रवीण मांझी को 4.65 लाख रुपए की नकदी के साथ जहानाबाद में पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
उन्हें आदर्श आचार संहिता लगने के दौरान इतनी बड़ी रकम नकदी के रूप में साथ लेकर चलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वहीं इस घटनाक्रम के बाद उन पर आरोप प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है।
मांझी की पार्टी हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने इसके पीछे प्रदेश सरकार का हाथ बताते हुए मामले में चुनाव आयोग से जांच की मांग की। आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार के इशारे पर मांझी के परिवार को तंग किया जा रहा है।
हालांकि रकम के संबंध में उनकी दलील थी कि यह रकम एक ठेकेदार को देने के लिए गाड़ी में रखी गई थी। जो उनके कंकरबाघ के मकान में काम कर रहा है। घटना दोपहर 12 बजे के करीब की है, जब पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी के छोटे बेटे प्रवीण अपनी गाड़ी से जहानाबाद से जा रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने जांच के लिए उनकी गाड़ी रुकवाई।
जांच के दौरान गाड़ी में रखे एक बैग में 4.65 लाख रुपए की नकदी देख पुलिस ने तुरंत उसे कब्जे में ले लिया, मांझी के बेटे प्रवीण को भी हिरासत में ले लिया गया। राज्य में आदर्श आचार संहिता लगी होने के कारण 50 हजार से ज्यादा की नकदी को साथ लेकर नहीं चला जा सकता।
इसलिए पुलिस ने प्रवीण को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ शुरू कर दी। पुलिस इस पहलू पर भी जांच कर रही है कि इस रकम का इस्तेमाल कहीं वोटरों की खरीद फरोख्त में तो नहीं किया जाना था।
वहीं सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर पहले से ही भाजपा के साथ तनातनी झेल रहे मांझी के लिए मुश्किलें और बढ़ती दिख रही हैं। वहीं जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि यह क्या संयोग है कि उधर मांझी भाजपा से सीटों की भीख मांग रहे हैं और यहां उनका बेटा पैसों की भीख मांग रहा है।