नई दिल्ली। देश में पारसियों की निरंतर कम हो रही आबादी को बढ़ाने के लिए शुरू की गई सरकार की “जियो पारसी” योजना के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं और इसके तहत किए गए प्रयासों से 8 पारसी महिलाएं प्रेगनेंट हुई हैं।…
अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने अपने मंत्रालय के 100 दिन के कामकाज का ब्योरा देते हुए बताया कि पारसियों की आबादी बढ़ाने के लिए चलाई जा रही “जियो पारसी” योजना के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। इस योजना के तहत किए गए प्रयासों से 8 पारसी महिलाओं ने गर्भधारण किया है।
उन्हाेंने कहा कि पारसी समुदाय की आबादी तेजी से घट रही है और इसके विलुप्त होने का खतरा पैदा हो गया है। इस समुदाय के लोगों की भारत में 1941 में कुल आबादी एक लाख 14 हजार थी जो 2001 की जनगणना के अनुसार लगभग 70 हजार रह गई है। सरकार ने 2013 में शुरू की जियो पारसी योजना के तहत पांच साल के लिए 10 करोड़ रूपए का प्रावधान किया था। इसकी 7 फीसदी राशि पारसी युवक और युवतियों को सलाह देने पर खर्च की जाती है।
इसमें उन्हें समय पर विवाह, गर्भ धारण के सही समय और प्रजनन संबंधी उपचार आदि के बारे में बताया जाता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पारसी समुदाय की कुल जनन क्षमतादर एक से नीचे है। पारसी समुदाय में आम तौर पर महिलाएं 29 से 30 तथा पुरूष 35 साल की आयु में विवाह करते हैं। देश में पारसी आबादी के 31 फीसदी लोग 60 साल से अधिक आयु के है तथा 30 फीसदी अविवाहित है।