अजमेर। जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा काउंटरों पर ठेका प्रथा के तहत लगाए गए फार्मासिस्टों ने गुरुवार को अस्पताल प्रशासन पर पिछले दो माह से वेतन नहीं देने का आरोप लगाकर अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश ले लिया।
अस्पताल प्रशासन ने फार्मासिस्टों के इस कदम को गैरकानूनी ठहराकर अवकाश पर उतरे सभी फार्मासिस्ट को हमेशा के लिए नौकरी से निकाल दिया है। जेएलएन अस्पताल में फार्मासिस्ट एस.आर.अली ने बताया कि मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा काउंटरों पर दवा वितरण के लिए पूर्व में उन्हें ठेका फर्म जीवन ज्योति के माध्यम से चार हजार प्रति माह वेतन पर लगाया गया था।
उक्त ठेका फर्म का ठेका रद्द होने पर रॉयल एन्टरप्राइजेज ठेका कम्पनी के अधीन उन्हेें नियुक्ति दी गई। इस ठेका फर्म को ब्लैक लिस्ट किए जाने के बाद से उन्हें जेएलएन अस्पताल प्रशासन ने दवा काउंटरों पर तैनात कर दिया तथा वेतन भी अस्पताल प्रशासन के माध्यम से उन्हें दिया जा रहा था।
पिछले दो माह व आठ दिनों से उनका वेतन अस्पताल प्रशासन पर बकाया चल रहा है, जिसे प्राप्त करने के लिए उन्होंने अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर पीसी वर्मा को कई बार आग्रह किया और लिखित में भी अपनी शिकायतें उन्हें पेश की परन्तु उनको अब तक वेतन नहीं दिया गया।
जिसके चलते आज से अस्पताल प्रशासन के अधीन लगे सभी 15 फार्मासिस्ट ने एक साथ सामूहिक अवकाश लेकर आन्दोलन शुरू कर दिया।
हड़ताल गैर कानूनी
इस विषय में अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर पीसी वर्मा से उनका पक्ष जाना गया तो उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी में यह बात आई है कि ठेका प्रथा के तहत लगे फार्मासिस्ट सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। जो गैर कानूनी है तथा दवा काउंटरों को सुचारू रूप से चलाने के लिए आज ही से पैरा मेडिकल स्टॉफ को तैनात कर दिया गया है।
डॉक्टर वर्मा ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने कभी भी फार्मासिस्टों को नियुक्त नहीं किया जबकि उन्हें पूर्व ठेका फर्म लेेकर आई थी। उस फर्म को ही उनका वेतन देना है। अब यह बात और है कि ठेका फर्म ने उन्हेें वेतन दिया या नहीं और नहीं दिया तो यह ठेका फर्म व ठेका कर्मियों के बीच का विवाद है। इसके लिए अस्पताल प्रशासन जिम्मेदार नहीं है।