रांची। झारखण्ड में भी चुनाव से पहले कांग्रेस का हाथ उनके सहयोगी पार्टियों के हाथ से छूट गया है। चुनावों में सीटों के बंटवारे को लेकर एक राय नहीं बनने के कारण झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने अकेले चुनाव में उतरने का निर्णय किया है। वहां पर 25 नवम्बर से विधानसभा चुनाव होंगे।…
जानकारी के अनुसार यह विवाद मुख्य रूप से जामवाडा, वाकुड समेत तीन सीटों के बंटवारे को लेकर हुआ । यह सीटें पिछली बार भी कांग्रेस के हिस्से में आई थी, लेकिन वहां से कांग्रेस के प्रत्याशी नहीं जीत पाए। इस बार भी कांग्रेस इन सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने पर अडी हुई थी, जबकि झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के मुख्यमंत्री सोरेन यहां पर अपने प्रत्याशी उतारने की बात कर रहे थे, आपसी सहमति नहीं बनने पर झाारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने सभी 81 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का निर्णय किया है। वहीं कांग्रेस यह गठबंधन टूटने के बाद राजद और जेडीयू के साथ मिलकर यहां चुनाव लड सकती है। वर्तमान में कांग्रेस के समर्थन से झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन वहां मुख्यमंत्री बने हुए है।
गांदरबर से नहीं लडेंगे जम्मू के मुख्यमंत्री उमर
इधर नवम्बर महीने में ही जम्मू कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। शुक्रवार को जारी नेशनल काॅन्फ्रेंस की पहली सूची में उमर अब्दुल्ला सोनावर और बीरवा से प्रत्याशी घोषित किया गया है। इस सूची में गांदरबर का नाम नहीं है। यह अब्दुल्ला परिवार की पारंपरिक सीट है जहां से उमर अब्दुला के दादा शेख अब्दुल्ला जीतकर आए थे। इस सीट पर अब्दुल्ला परिवार 39 साल से लड रहा है। पहली सूची में कुल 22 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की है, जिसमें से 15 कश्मीर घाटी के तथा 7 जम्मू की हैं। इधर पीडीपी ने भी शुक्रवार को अपनी पहली सूची जारी करते हुए 11 विधानसभा क्षेत्रों में अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।