नई दिल्ली। जेएनयू विवाद पर केन्द्रीय गृह मंत्री हाफिज सईद के मिले समर्थन वाले बयान की निंदा करते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ऐसा करके गृह मंत्री भाजपा की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता संदीप दीक्षित ने सोमवार को कहा कि कुछ वीडियो में साफ दिखाया गया है कि एबीवीपी समर्थक छात्र भारत विरोधी नारे लगा रहे हैं, जिससे जेएनयू संस्थान को वामपंथी के नाम पर बदनाम किया जाए।
लेकिन भाजपा की छात्र विंग एबीवीपी को बचाने के लिए ही केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने विवादास्पद बयान दिया था कि संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के विरोध में जेएनयू में हुए कार्यक्रम को आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का समर्थन मिला था।
जेएनयू विवाद को काफी गंभीर मुद्दा बताते हुए कांग्रेस प्रवक्ता दीक्षित ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह इस मुद्दे को काफी हल्का मानकर चल रहे हैं। जेएनयू जैसी वैश्विक संस्थान को जानबूझकर बदनाम करने के लिए ही केन्द्र सरकार की तरफ से यह प्रतिक्रिया दी जा रही है।
उधर, कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने भी केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि गृह मंत्री का पद पूरे राष्ट्र के लिए एक गरिमामय पद होता है। इसलिए गृह मंत्री को केवल सबूतों के आधार पर ही अपना कोई बयान देना चाहिए। यह कोई नई बात नहीं है कि केन्द्रीय मंत्री ने कोई विवादास्पद बयान दिया हो।
पठानकोट हमले के समय राजनाथ सिंह द्वारा दिए बयान का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता पुनिया ने कहा कि उस समय भी उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि पठानकोट एयरबेस में आतंकी छिपे हुए थे, लेकिन फिर भी देश को गुमराह करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री कहा था कि एयरबेस पर हुए आतंकी हमले में शामिल आतंकवादियों को सेना ने मार गिराया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि गृह मंत्री के बयान देश की राजनीति के लिए काफी मूल्यवान होता है। कोई भी बयान देने से पहले उन्हें सावधानी बरतना चाहिए। लेकिन जेएनयू मुद्दे को हाफिज सईद द्वारा मिले समर्थन वाले बयान को किसी भी रुप से उचित नहीं ठहराया जा सकता है। अगर उन्हें लगता है कि इसे आतंकी संगठन का समर्थन मिल रहा है, तो हम मांग करते है कि केन्द्रीय गृह मंत्री सबूत पेश करें।
कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता पुनिया ने कहा कि बिना किसी सबूत एवं जांच के विश्वविद्यालय के छात्र को जेल भेजना सही नहीं है। जेएनयू जैसा संस्थान से कई प्रसिद्ध हस्तियों का संबंध रहा है, तो कैसे केन्द्र सरकार बिना किसी सबूत के संस्थान के किसी छात्र को गिरफ्तार कर सकती है?