नई दिल्ली। जेएनयू विवाद मामले से निपटने में केन्द्र सरकार द्वारा उठाए गए तरीकों एवं केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के बयान पर नाराजगी जताते हुए संस्थान के पूर्व प्रोफेसर चमन लाल ने केन्द्र सरकार द्वारा मिले पुरस्कार को लौटाने का फैसला किया है।
केन्द्र सरकार पर जेएनयू जैसे वैश्विक प्रतिष्ठान वाले संस्थान को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए संस्थान के पूर्व प्रोफेसर चमन लाल ने केन्द्र सरकार से प्राप्त ‘हिंदीत्तर भाषी हिंदी लेखक पुरस्कार’ को लौटाने का फैसला किया है।
पूर्व प्रोफेसर चमन लाल ने जेएनयू विवाद मामले में सरकार के रवैये को लेकर खासी नाराजगी जताते हुए कहा कि जेएनयू मामला शुरु होने के बाद से मैं काफी चिंतित हूं। ऐसे वैश्विक संस्थान को बदनाम करना किसी भी रूप में सही नहीं है। इसलिए उन्होंने यह पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र और 50,000 रुपए लौटाने का फैसला किया है।
जानकारी हो कि पूर्व प्रोफेसर चमन लाल को वर्ष 2003 में ‘हिंदीत्तर भाषी हिंदी लेखक पुरस्कार पुरस्कार’ तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था। यह पुरस्कार मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा दिया जाता है।