नई दिल्ली। देशद्रोही नारेबाजी के आरोप में जेल भेजे गए जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दिल्ली हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। कोर्ट ने दस हजार रुपए जमानत राशि निर्धारित करते हुए कन्हैया को अतंरिम जमानत दी है। कन्हैया कुमार 12 फरवरी से तिहाड़ जेल में बंद हैं।
जेएनयू मामले देशद्रोही नारेबाजी करने वाले कन्हैया कुमार को दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि इस मामले में आरोपी को पुलिस को जांच में सहयोग करना होगा।
लेकिन अगर मामले को लेकर पुलिस के समक्ष ऐसा कोई तथ्य सामने आता है, जिससे यह लगे कि कन्हैया जांच में सहयोग नहीं कर रहा है तो अंतरिम जमानत को रद्द करने के खिलाफ दिल्ली पुलिस कोर्ट में अपील कर सकती है।
इससे पूर्व आरोपी पक्ष के वकील ने कन्हैया की जमानत को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी। सोमवार को तीन घंटे से अधिक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने जमानत न देते हुए फैसला बुधवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।
बुधवार शाम को करीब पौने सात बजे हाई कोर्ट ने कन्हैया कुमार को दस हजार रुपये के मुचलके पर छह माह की अंतरिम जमानत का आदेश दिया।
फैसले के बाद दिल्ली पुलिस के वकील शैलेन्द्र बब्बर ने हाईकोर्ट के फैसले के बारे में मीडिया को बताया कि कोर्ट ने आरोपी को जमानत न देकर अंतरिम जमानत का ही आदेश दिया है।
कन्हैया के विरुद्द दिल्ली पुलिस के पास सबूतों की सत्यता पर वकील बब्बर ने कहा कि पुलिस के पास आरोपी के संदर्भ में जो भी सबूत है, वो पूरी तरह से उसे आरोपी सिद्द करने में सक्षम है।
उन्होंने बताया कि हमने आरोपी को जमानत नहीं देने की अपील की थी, लेकिन इस अपील को अस्वीकार करते हुए कोर्ट ने आरोपी को अंतरिम जमानत दे दी।
उधर, कन्हैया कुमार को मिली जमानत के बाद जेएनयू एवं पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने के बाहर कन्हैया समर्थकों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जल्द ही मामले में फंसाये गए अन्य आरोपी भी जेल से बाहर आ जाएंगे।