नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सोमवार को स्कूल ऑफ़ सोशल साइंस के छात्र मुथुकृष्णनन के खुदखुशी के मामले को लेकर जवाहर लाल यूनिवर्सिटी(जेएनयू) के कुलपति, रेक्टर-1, एससी/एसटी सेल इत्यादि को एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में मुथुकृष्णन के परिवार को न्याय दिलाने के लिए कुलपति से एक हाई लेवल जांच कमेटी के गठन की मांग की है। जो भी प्रोफेसर इस मामले में जिम्मेदार है उनको निष्कासित किए जाने की भी मांग की गई है।
मामलें में एबीवीपी का कहना है कि मुथुकृष्णन(मुथु) के खुदखुशी के मामले में उनके स्कूल के चार प्रोफेसर का जिम्मेदार हैं। जिसमें निलाद्री भट्टाचार्या, रजत दत्ता, बर्टन क्लीटस और कुमकुम राय इत्यादि है इनको फिलहाल प्रोफेसर के पद से कार्यमुक्त किया जाए जिससे एक निष्पक्ष जांच की जा सके।
हमारी यह भी माँग है की सारी प्रक्रिया एक समय सीमा के अंदर किया जाए। प्रशासन से हम यह भी मांग करते है की इस मामले में संलिप्त प्रोफेसर के ख़िलाफ़ प्रशासन द्वारा कानूनी प्रक्रिया के तहत क्रिमिनल एक्ट भी लगाया जाए।
अनुभूति बारां जो की हिस्ट्री सेंटर की रिसर्च छात्रा है उन्होंने भी अपने प्रोफेसर से परेशान हो कर कल एक पत्र लिखा था की वो भी हिस्ट्री सेंटर के प्रोफेसरों के भेदभाव की शिकार हैं अतः इन सभी मामलों को गम्भीरता से लेने को जरुरत है।
ज्ञापन सौंपने के लिए निकले छात्रों के दल में शामिल एबीवीपी नेता और जेएनयूएसयू छात्र संघ के पूर्व संयुक्त सचिव, सौरभ शर्मा ने कहा कि मुथु का सारा मामला स्कूल ऑफ़ सोशल साइंस के डीन और हिस्ट्री सेंटर के चेयरपर्सन के जानकारी में था।
गौरतलब है कि मुथु ने अपने एडवाईजर से परेशान होकर उनको बदलने के लिए एक लेटर चेयरपर्सन को और डीन को दिया था। और ये सभी लोग मुथु के साथ भेदभाव को होते देख रहे थे जबकि इन्होंने उस समय कोई एक्शन नही लिया।
अतः हम हिस्ट्री सेंटर के चेयरपर्सन और स्कूल ऑफ़ सोशल साइंस के डीन के त्यागपत्र की मांग करते है। अगर प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं करती है तो कल से हम धरना पर बैठेंगे।